मैली चादर ओढ़ के कैसे द्वार तुम्हारे आऊँ लिरिक्स-Hari Om Sharan Bhajan

मैली चादर ओढ़ के कैसे – भजन लिरिक्स

मैली चादर ओढ़ के कैसे

मैली चादर ओढ़ के कैसे,
द्वार तुम्हारे आऊँ,
हे पावन परमेश्वर मेरे,
मन ही मन शरमाऊँ ।
॥ मैली चादर ओढ़ के..॥

जनम जनम की मैली चादर

तूने मुझको जग में भेजा,
निर्मल देकर काया,
आकर के संसार में मैंने,
इसको दाग लगाया ।
जनम जनम की मैली चादर,
कैसे दाग छुड़ाऊं,
॥ मैली चादर ओढ़ के..॥

निर्मल वाणी पाकर तुझसे

निर्मल वाणी पाकर तुझसे,
नाम ना तेरा गाया,
नैन मूँदकर हे परमेश्वर,
कभी ना तुझको ध्याया ।
मन-वीणा की तारे टूटी,
अब क्या राग सुनाऊँ,
॥ मैली चादर ओढ़ के..॥

इन पैरों से चलकर तेरे

इन पैरों से चलकर तेरे,
मंदिर कभी ना आया,
जहाँ जहाँ हो पूजा तेरी,
कभी ना शीश झुकाया ।
हे हरिहर मई हार के आया,
अब क्या हार चढाउँ,
॥ मैली चादर ओढ़ के..॥

तू है अपरम्पार दयालु

तू है अपरम्पार दयालु,
सारा जगत संभाले,
जैसा भी हूँ मैं हूँ तेरा,
अपनी शरण लगाले ।
छोड़ के तेरा द्वारा दाता,
और कहीं नहीं जाऊं
॥ मैली चादर ओढ़ के..॥

मैली चादर ओढ़ के कैसे (Repeat)

मैली चादर ओढ़ के कैसे,
द्वार तुम्हारे आऊँ,
हे पावन परमेश्वर मेरे,
मन ही मन शरमाऊँ ।
॥ मैली चादर ओढ़ के..॥

 


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