नगरी हो अयोध्या सी रघुकुल सा घराना हो लिरिक्स
नगरी हो अयोध्या सी रघुकुल सा घराना हो नगरी हो अयोध्या सी रघुकुल सा घराना हो और चरण हो राघव […]
नगरी हो अयोध्या सी रघुकुल सा घराना हो नगरी हो अयोध्या सी रघुकुल सा घराना हो और चरण हो राघव […]
हरी नाम का प्याला हरे कृष्ण की हाला हरी नाम का प्याला ऐसी हाला पी पीकर केचला चले मतवाला ॥
वो काला एक बांसुरी वालावो काला एक बांसुरी वाला,सुध बिसरा गया मोरी रे,माखन चोर वो नंदकिशोर जो,कर गयो मन की
रक्षाबंधन के अवसर पर भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को समर्पित कई भजन गाए जाते हैं। ये भजन इस त्योहार की
मुझे रास आ गया है,तेरे दर पर सर झुकाना, तुझे मिल गया पुजारी,मुझे मिल गया ठिकाना, मुझे रास आ गया
मेरा आपकी कृपा से, सब काम हो रहा है करते हो तुम कन्हैया, मेरा नाम हो रहा है || पतवार
पिंजरे के पंछी रे, तेरा दर्द ना जाने कोए, तेरा दर्द ना जाने कोए ॥ कह ना सके तू, अपनी
वृन्दावन जाऊँगी सखी,वृन्दावन जाऊँगी, मेरे उठे विरह में पीर,सखी वृन्दावन जाउंगी, बाजे मुरली यमुना तीर,सखी वृन्दावन जाउंगी ॥ मेरे उठे
ये तो प्रेम की बात है उधो,बंदगी तेरे बस की नहीं है, यहाँ सर देके होते सौदे,आशिकी इतनी सस्ती नहीं
काली कमली वाला मेरा यार है, मेरे मन का मोहन तूं दिलदार है, तु मेरा यार है, मेरा दिलदार है|