मेरी लगी श्याम संग प्रीत, ये दुनिया क्या जाने मुझे मिल गया मन का मीत, ये दुनिया क्या जाने क्या…
कान्हा रे थोडा सा प्यार दे, चरणों में बैठा के तार दे ओ गोरी, घूंघट उतर दे, प्रेम की भिक्षा…
फूलो में सज रहे हैं, श्री वृन्दावन बिहारी। और साथ सज रही हैं, वृषभान की दुलारी॥ टेढ़ा सा मुकुट सर…
मैं आरती तेरी गाउँ, ओ केशव कुञ्ज बिहारी। मैं नित नित शीश नवाऊँ, ओ मोहन कृष्ण मुरारी॥ मैं आरती तेरी…
राधे राधे बोल, श्याम भागे चले आयंगे। एक बार आ गए तो कबू नहीं जायेंगे ॥ सात स्वर्ग पांच अपवर्ग…