Mantras

Shiva Tandava Stotram With Hindi and English Meanings

This hymn celebrates Shiva’s fierce yet benevolent nature, highlighting his supreme power, beauty, and role as the destroyer and creator. Reciting or meditating upon the Tandava Stotram invokes Lord Shiva’s blessings and fills the devotee with energy, devotion, and peace.

Om Namah Shivaya!

शिव तांडव स्तोत्र भगवान शिव की महिमा, उनके स्वरूप, शक्ति, और सौंदर्य का वर्णन करता है। यह स्तोत्र भक्ति, ध्यान और संकल्प की अभिव्यक्ति है। रावण ने इसे अपनी शक्ति और भक्ति के प्रतीक के रूप में रचा था। जो भी इसे श्रद्धापूर्वक पढ़ता या सुनता है, उसे भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है।

ॐ नमः शिवाय।

श्लोक 1:
जटाटवीगलज्जलप्रवाहपावितस्थले |
गलेऽवलम्ब्य लम्बितां भुजंगतंगमालिकाम् ||

Jataatavigalajjala pravaaha paavitasthale |
Gale’valambya lambitaam bhujangatangamaalikaam ||

अर्थ:
शिवजी की जटाओं से गिरने वाले गंगाजल के प्रवाह से पवित्र हुआ स्थल शोभित है। उनके गले में लहराते हुए सर्पों की माला शोभा पा रही है।

Translation:
Shiva’s matted locks, from which the sacred Ganga flows and purifies the world, adorn his radiant head. He wears a garland of serpents around his neck that sway gracefully.

 

डमड्डमड्डमड्डमन्निनादवड्डमर्वयं |
चकार चण्डताण्डवं तनोतु नः शिवः शिवम् ||

Damaddamaddamaddaman ninaadavaddamarvayam |
Chakaarachandataandavam tanotu nah shivah shivam ||

अर्थ:
जो डमरू की डम-डम की ध्वनि से सजीव और गर्जन करती तांडव मुद्रा में नृत्य कर रहे हैं, ऐसे शिव हमारे लिए मंगल करें।

Translation:
As the sound of his damaru echoes, Lord Shiva performs his fierce Tandava dance. May that auspicious Lord Shiva bestow welfare upon us.

 

जटाकटाहसंभ्रमभ्रमन्निलिम्पनिर्झरी |
विलोलवीचिवल्लरी विराजमानमूर्धनि ||

Jatakatahasambhrama bhraman nilimpanirjhari |
Vilolaveechivalari virajamanamurdhani ||

अर्थ:
शिवजी की जटाओं में जो गंगा की लहरें भ्रमण कर रही हैं और जो अमृत धारा के समान गिर रही हैं, वे उनके मस्तक पर शोभायमान हैं।

Translation:
The celestial Ganga flows in waves through Shiva’s matted hair, making his head shine brilliantly.

 

धगद्धगद्धगज्ज्वलल्ललाटपट्टपावके |
किशोरचन्द्रशेखरे रतिः प्रतिक्षणं मम ||

Dhagaddhagaddhagajjvala lalata pattapavake |
Kishorachandrashekhare ratih pratikshanam mama ||

अर्थ:
शिवजी के ललाट पर जलती हुई अग्नि शोभा देती है। उनके सिर पर चंद्रमा सुशोभित है। ऐसे शिवजी में मेरी भक्ति और प्रेम सदा बनी रहे।

Translation:
The blazing fire on Shiva’s forehead burns fiercely, and the crescent moon on his head adds charm. May my devotion to Shiva grow with every moment.

 

धराधरेन्द्रनंदिनी विलासबन्धुबन्धुर-
स्फुरद्दिगन्तसंततिप्रमोदमानमानसे ||

Dharadharendranandini vilasabandhubandhura |
Sphuraddigantasantati pramodamanamanase ||

अर्थ:
पर्वतराज की पुत्री पार्वती के साथ सुखपूर्वक निवास करने वाले और सदा प्रसन्नचित्त रहने वाले शिवजी हमारे मन को आनंदित करें।

Translation:
The Lord who delights in the playful company of Parvati, the daughter of the mountain, fills the universe with his joyous presence and supreme energy.

ललाटचत्वरज्वलद्धनंजयस्फुलिङ्गभा-
निपीतपञ्चसायकं नमन्निलिंपनायकम् ||

Lalatachatvarajvalad dhananjayasphulingabha |
Nipitabhasmasantatikaplashtamunmanam ||

अर्थ:
उनके ललाट की ज्वाला ने कामदेव को भस्म कर दिया, और देवताओं के स्वामी उन्हें नमन करते हैं।

Translation:
The fire on Shiva’s forehead radiates sparks of destruction. It once reduced Kamadeva (god of love) to ashes, demonstrating Shiva’s supreme power.

 

सहस्रलोचनप्रभृत्यशेषलेखशेखर-
प्रसूनधूलिधोरणी विधूसरांघ्रिपीठभूः ||

Sahasralochanaprabhritya sheshalekhashekhara |
Prasoonadhoolidhorani vidhoosaranghripithabhuh ||

अर्थ:
इंद्रादि देवताओं द्वारा अर्पित फूलों की धूलि उनके चरणों पर शोभित है।

Translation:
The thousand-eyed Indra and other gods shower flowers at Shiva’s feet, which become sanctified by the dust of his feet.

 

नवीनमेघमण्डली निरुद्धदुर्धर स्फुरत्-
कुहूनिशीथिनीतमः प्रबन्धबद्धकन्धरः ||

Navinameghamandali niruddhadurdharasphurat |
Kuhunishithinitamah prabandhabaddhakandharah ||

अर्थ:
उनकी कंठ-रचना इतनी अद्भुत है कि जैसे नवीन मेघों से घिरा हुआ कोई पर्वत हो।

Translation:
Shiva’s throat resembles the dense clouds of a stormy night, radiating mystery and power, bound with the dazzling light of cosmic brilliance.

 

प्रफुल्लनीलपङ्कज प्रपञ्चकालिमप्रभा-
वलम्बिकण्ठकन्दली रुचिप्रबद्धकन्धरम् ||

Praphullanilapankaja prapanchakalimaprabha |
Valambikantakandali ruchiprabaddhakandharam ||

अर्थ:
शिव का रूप नीले कमल के समान है और उनके गले की रचना अद्भुत प्रकाश से भरी है।

Translation:
Shiva’s blue throat shines like a blooming blue lotus, surrounded by radiant beauty, representing his cosmic energy and compassion.

 

मनो विनोद मद्भुतं बिभर्तु भूतभर्तरि |
भवस्पिनाथ निर्जरि विलोलवीचिवल्लरी ||

Mano vinodamadbhutam bibhartubhuta bhartari |
Bhavasminath nabhajo vilolavichivalayaha ||

अर्थ:
शिवजी का मनोहर रूप, जो सृष्टि के पालनकर्ता और संहारकर्ता हैं, अपने जटाओं में लहराती हुई गंगा के प्रवाह से अद्भुत शोभा प्रदान करता है।

Translation:
May the enchanting and wondrous form of Shiva, who is the protector of the universe, always dwell in my mind, spreading joy.

 

सहस्रलोचनप्रभृत्यशेषलेखशेखर-
प्रसूनधूलिधोरणी विधूसरांघ्रिपीठभूः ||

Sahasralochanaprabhritya sheshalekha shekharah |
Prasoonadhooli dhoranividhusaranghreepeetabhuh ||

अर्थ:
देवताओं के राजा इंद्र और अन्य देवगण उनके चरणों पर पुष्प अर्पित करते हैं। उनके चरणों की धूलि उन पुष्पों से शोभायमान हो जाती है।

Translation:
The celestial deities, led by Indra, shower fragrant flowers upon Shiva’s feet, making them even more divine.

 

नलिनकान्तकन्दली रुचिप्रबद्धकन्धरः |
स्फुरन्मनोहरस्य मम चित्तं प्रमोदनाम् ||

Nalinakanta kandali ruchiprabaddha kandharam |
Sphuradmanoharasyamam jagaddheetaram ||

अर्थ:
शिवजी का गला कमल की सुंदर पंक्ति के समान अद्भुत प्रकाश से चमक रहा है। उनका रूप मेरा मन प्रसन्न करता है।

Translation:
Shiva’s throat glows like a blue lotus, and his form is captivating. He is the savior and protector of the entire universe.

 

धगद्धगद्धगज्ज्वलज्ज्वलद्वनर्प्रवापिनी |
किशोरचन्द्रशेखरे रतिः प्रतिक्षणं मम ||

Dhagad dhagad dhagad jvalaj jvalad dhananjaya sphulinga bha |
Nirajamana moordhani pratikshanam rameshwaram ||

अर्थ:
जो भगवान शिव ललाट पर प्रचंड अग्नि के साथ सुशोभित हैं और मस्तक पर किशोर चंद्र को धारण करते हैं, उनमें मेरी भक्ति सदा बनी रहे।

Translation:
The fiery sparks from Shiva’s forehead blaze like a thunderstorm, symbolizing his destructive and regenerative powers.

 

प्रचण्डवाडवानलप्रभाशुभप्रपञ्चका-
निधननिधिरूपभूतभर्तरं समाश्रये ||

Prachanda vaadavaanala prabhaashubhaprapanchakam |
Nidhanam nidhi roopakam bibhradbhootipati prabhuh ||

अर्थ:
जो शिव प्रचंड अग्नि के समान प्रकाश फैलाते हैं और सृष्टि के संहारक हैं, उन महादेव का मैं आश्रय लेता हूँ।

Translation:
Shiva, who radiates the intense energy of a blazing fire, is the ultimate creator and destroyer, and the treasure of the universe.

 

जयत्वदभ्रविभ्रमभ्रमद्भुजंगमश्वस-
द्विनिर्गमत्क्रमस्फुरत्करालभालहव्यवाट् ||

Jayatvadabhravibhrama bhramadbhujanga mashvasad |
Vinirgamadkrama sphurat karalabhaal havya vaat ||

अर्थ:
जो महादेव के मस्तक से उठने वाली अग्नि कामदेव को भस्म कर देती है और उनके गले में लहराते हुए सर्प विचरण करते हैं, वे शिवजी सदा जयश्री प्राप्त करें।

Translation:
The serpents adorning Shiva move rhythmically with his dance, while the fierce fire on his forehead shines brightly, protecting the universe.

 

शिवेति मन्त्रमुच्चरन् कदा सुखी भवाम्यहम् |
नितान्तमेकान्तभक्ति सदा शिवे मनोऽस्तु मे ||

Shive shringara bhootam shiva karoti manase |
Shivam bhajami tatpadam bhavarnava tarakam ||

अर्थ:
शिवजी का नाम जपते हुए और उनकी परम भक्ति करते हुए मैं कब सच्चे सुख को प्राप्त करूँगा? मेरा मन सदा शिवजी में लीन रहे।

Translation:
May Lord Shiva, whose beauty is divine and who grants liberation from the ocean of worldly existence, reside in my heart forever.

अंतिम श्लोक (फलश्रुति):

पूजाऽवसानसमये दशवक्त्रगीतं |
यः शम्भूपूजनपरं पठति प्रदोषे ||

तस्य स्थिरां रथगजेंद्रतुरंगयुक्तां |
लक्ष्मीं सदैव सुमुखिं प्रददाति शम्भुः ||

Phalashruti (Benefit of Reciting):

Pooja’vasanasamaye dashavaktragitam |
Yah shambhupoojanaparam pathati pradoshe ||

Tasya sthiraam rathagajendra turanga yuktam |
Lakshmeem sadaiva sumukheem pradadati shambhuh ||

अर्थ:
जो व्यक्ति संध्याकाल में रावण के द्वारा रचित इस स्तोत्र को भगवान शिव की पूजा के अंत में गाता है, उसे शिवजी स्थिर लक्ष्मी (धन-संपत्ति), सुख, और ऐश्वर्य प्रदान करते हैं।

Translation:
Whoever recites this hymn composed by the ten-headed Ravana at the end of Shiva’s worship, especially during the twilight hours, is blessed by Shiva with wealth, prosperity, and eternal happiness.

 

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