होया देश का हाल बुरा,
भोले कद आवैगा,
ओ भोले जी,
कद दर्श दिखावैगा।।
मां बाप की कदर भूलगे,
प्यार रहया ना भाईयां का,
बाहणां की कोए कदर करै ना,
घर में राज लुगाइयां का,
बिना बात इब होवै लड़ाई,
कद अमन फलावैगा,
ओ भोले जी,
कद दर्श दिखावैगा।।
गऊआं की कोए कदर रही ना,
कूड़ा-कर्कट खाण लगी,
किसे के घर में बड़ जावै ते,
लाठी जेली खाण लगी,
इन गऊआं के हत्यारा ने,
कद सबक सिखावैगा,
ओ भोले जी,
कद दर्श दिखावैगा।।
छोरीयां ने ना देख के राजी,
गर्भ बीच मरवाण लगे,
पीकै मदिरा की बोतल,
या साधु सत्संग लाण लगे,
इस पाखंडी दुनिया ते,
कद पिण्ड छुटवावैगा,
ओ भोले जी,
कद दर्श दिखावैगा।।
गंदा लिखते गंदा गाते,
रही शर्म और ल्याज नहीं,
बणा दिया तेरा भी डमरू,
आवै औकात ते बाज नहीं,
नरेश जांगड़ा बुढ़ाखेड़ा,
न्यूए कलम चलावैगा,
कोए जलता जलियो,
जांगड़ा साच बतावैगा,
ओ भोले जी,
कद दर्श दिखावैगा।।
होया देश का हाल बुरा,
भोले कद आवैगा,
ओ भोले जी,
कद दर्श दिखावैगा।।
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