हो रही तेरी आरती,
मिनावाड़ा की दशा माँ।।
है जग जननी माँ कल्याणी,
करे आरती भक्त तुम्हारी,
द्वार तुम्हारे उतारे आरती,
मिलकर के नर और नारी,
नर और नारी,
हो रहीं तेरी आरती,
मिनावाड़ा की दशा माँ।।
ढोल नगाड़ा शंख बजे है,
गूंज रही शहनाई,
रुमझुम रुमझुम होबे आरती,
जग मग जग ज्योत जगाई,
माँ ज्योत जगाई,
हो रहीं तेरी आरती,
मिनावाड़ा की दशा माँ।।
शीश मुकुट गल मोतियन माला,
ओढे लाल चुनरियाँ,
सज धजकर माँ बैठी ऊंट पर,
दर्शन कर रही दुनियाँ,
ये दुनियाँ सारी,
हो रहीं तेरी आरती,
मिनावाड़ा की दशा माँ।।
व्रत उपवास करके जो तेरा,
दस दिन पूजा पड़ावे,
करके कृपा माँ उन भक्तो का,
दुख दरिद्र दूर भगावे,
माँ बिगड़ी बनावे,
हो रहीं तेरी आरती,
मिनावाड़ा की दशा माँ।।
कुमकुम पगले आप पधारो,
खेल रही महारानी,
दिलबर नागेश द्वार खड़े माँ,
भक्त उतारे माँ तेरी आरती,
माँ सबको तारती,
हो रहीं तेरी आरती,
मिनावाड़ा की दशा माँ।।
हो रही तेरी आरती,
मिनावाड़ा की दशा माँ।।
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