हे शिव शम्भू करुणा सिंधु,
जग के पालनहार,
दयालु वंदन बारम्बार,
दयालु वंदन बारम्बार।।
तर्ज – हे दुखभंजन।
त्रिलोकी है नाम तुम्हारा,
त्रिलोकी है नाम तुम्हारा,
तेरी दया से जग से उजियारा,
तेरी दया से जग से उजियारा,
कण कण में है वास तुम्हारा,
कण कण में है वास तुम्हारा,
करुणा के भंडार,
दयालु वंदन बारम्बार,
दयालु वंदन बारम्बार।।
सारे जग के तुम हो स्वामी,
सारे जग के तुम हो स्वामी,
हे जगपालक अंतर्यामी,
हे जगपालक अंतर्यामी,
सियाराम का ध्यान धरे तू,
सियाराम का ध्यान धरे तू,
गिरिजा के भरतार,
दयालु वंदन बारम्बार,
दयालु वंदन बारम्बार।।
‘हर्ष’ कहूँ क्या तेरी माया,
‘हर्ष’ कहूँ क्या तेरी माया,
तूने ये ब्रम्हांड रचाया,
तूने ये ब्रम्हांड रचाया,
तेरे नाम से हम दीनो का,
तेरे नाम से हम दीनो का,
चलता है संसार,
दयालु वंदन बारम्बार,
दयालु वंदन बारम्बार।।
हे शिव शम्भू करुणा सिंधु,
जग के पालनहार,
दयालु वंदन बारम्बार,
दयालु वंदन बारम्बार।।
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