हे जगजननी हे अम्बे माँ,
कृपा कर दो जगदम्बे माँ,
कृपा कर दो जगदम्बे माँ,
हे जगजननी हे अम्बे मां,
कृपा कर दो जगदम्बे माँ।।
तर्ज – मुझे दास बनाकर।
अक्षत फूल चन्दन लाया हूँ,
प्रेम मैं थाल सजाया हूँ,
हे दुर्गा दुर्गति नाशिनी माँ,
हे दुर्गा दुर्गति नाशिनी माँ,
दर्शन को तेरे आया हूँ,
हे जगजननी हे अम्बे मां,
कृपा कर दो जगदम्बे माँ।।
सेवक घर खुशियां लाती हो,
तुम ममतामई कहलाती हो,
मधु कैटभ हारिणि हे मैया,
मधु कैटभ हारिणि हे मैया,
तुम जगत के पाप मिटाती हो,
हे जगजननी हे अम्बे मां,
कृपा कर दो जगदम्बे माँ।।
दुष्टों का तुम संहार करो,
भक्तों का बेड़ा पार करो,
गिरिराज निवासिनी हे मैया,
गिरिराज निवासिनी हे मैया,
दया की नज़र हर बार करो,
हे जगजननी हे अम्बे मां,
कृपा कर दो जगदम्बे माँ।।
हे जगजननी हे अम्बे माँ,
कृपा कर दो जगदम्बे माँ,
कृपा कर दो जगदम्बे माँ,
हे जगजननी हे अम्बे मां,
कृपा कर दो जगदम्बे माँ।।
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