रामदेव जमरो जगाऊं मैं थाको,
हाथ जोड़कर रटू शारदा,
ध्यान धरूं गणपत को,
रामदेव जमरो जगाऊं में थाको।।
मात पिता की करूं बंदना,
सिमरू नाम गुरां को,
देव दियाड़ी नीवण मनाऊ,
पाठ करूं बजरंग को,
रामदेव जमरो जगाऊं में थाको।।
रामदेव वीरमदेव पाठ पधारो,
रूप चंद्र मुख थांको,
आप धनी का पगला पुजू,
काज सहारो मांको,
रामदेव जमरो जगाऊं में थाको।।
हरजी भाटी डाली साथ में,
जोड़ बणयो भक्ता को,
चारों वेद चोबीस प्रमाण,
आप धनी मुख्य भाखो,
रामदेव जमरो जगाऊं में थाको।।
लीले घोड़े आप विराजे,
छत्र धारियों सोना को,
लाचा सुगना आरती उतारे,
थाल भरियो मोत्या को,
रामदेव जमरो जगाऊं में थाको।।
वीणा तंदूरा नोपत बाजे,
शंक घूरे धनिया को,
रामरसी भजन रामदेव ने,
खोल पीवे चरणों को,
रामदेव जमरो जगाऊं में थाको।।
रामदेव जमरो जगाऊं मैं थाको,
हाथ जोड़कर रटू शारदा,
ध्यान धरूं गणपत को,
रामदेव जमरो जगाऊं में थाको।।
Discover more from Brij Ke Rasiya
Subscribe to get the latest posts sent to your email.