मोहन हम तो तरसे,
तेरे प्यार को,
तुम हमरी हाय रे,
तुम हमरी खबर कब लोगे,
ओ मोहन मोहन,
मोहन मोहन प्यारे मेरे मोहन।।
तर्ज – जोगी हम तो लूट।
निशदिन में तो बाट निहारु,
श्याम सलोने तेरी,
अब तो दरस दिखा दे नटखट,
काहे लगाए देरी।।
सूना सूना लागे मोहन,
तुम बिन यह जग सारा,
ना जाने तुम कहां गए हो,
लेकर जिया हमारा।।
बैठ कदम की छांव सांवरे,
मुरली मधुर बजा दे,
मीठी मीठी तान सुना कर,
मेरा जी बहला दे।।
मोहन हम तो तरसे,
तेरे प्यार को,
तुम हमरी हाय रे,
तुम हमरी खबर कब लोगे,
ओ मोहन मोहन,
मोहन मोहन प्यारे मेरे मोहन।।
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