महाकाल नजर आए,
दोहा – कृपा की ना होती,
जो आदत तुम्हारी,
तो सुनी ही रहती,
अदालत तुम्हारी,
गरीबों के दिल में,
जगह तुम ना पाते,
तो किस दिल में होती,
इबादत तुम्हारी।
बस इतनी कृपा करना,
मेरा वक्त सुधर जाए,
उज्जैन में पहुँचूँ तो,
महाकाल नजर आए,
उज्जैन में पहुँचूँ तो,
महाकाल नज़र आए।।
करता तुम्ही हो बाबा,
भरता तुम्ही हो बाबा,
भिखारी हूँ चौखट का,
और तुम हो मेरे दाता,
मेरी ये दुआओं में,
इतना तो असर आए,
मैं दुःख में जो रहूँ तो,
बाबा को खबर जाए,
उज्जैन में पहुँचूँ तो,
महाकाल नज़र आए।।
दर्शन को तेरे बाबा,
लम्बी लगी कतारें,
हर एक नजर बाबा,
राह तेरी निहारे,
देखूं जिधर जिधर भी,
सब तेरे ही गुण गाए,
ऐसे करम करूँ मैं,
बाबा को पसंद आए,
उज्जैन में पहुँचूँ तो,
महाकाल नज़र आए।।
हर लेते सबकी चिंता,
मेरे चिंतामण गणेशा,
हरसिद्धि माँ पूरी करे,
भक्तो के मन की मनसा,
काल भैरव बाबा भी,
किरपा बडी बरसाए,
मिल जाए प्यार सबका,
चमत्कार ये हो जाए,
उज्जैन में पहुँचूँ तो,
महाकाल नज़र आए।।
बस इतनी कृपा करना,
मेरा वक्त सुधर जाए,
उज्जैन में पहुँचूँ तो,
महाकाल नजर आए,
उज्जैन में पहुँचूँ तो,
महाकाल नज़र आए।।
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