तेरी शरण हम आ गए,
बाबा कृपा करो,
भटके हुए राही थे हम,
अब तो दया करो,
तेरी शरण हम आ गये।।
तर्ज – लग जा गले।
तेरी नजर पड़ी तो हम,
आए है द्वार पर,
किस्मत सवार दो प्रभु,
कर दो जरा मेहर,
हम आपके चरणों में है,
संकट सभी हरो,
भटके हुए राही थे हम,
अब तो दया करो,
तेरी शरण हम आ गये।।
बादल गमों के छाए है,
कितनी है मजबूरियां,
जीवन बड़ा कठिन हुआ,
ऐसी दुश्वारियाँ,
हाथों को एक बार ही,
हमारे सर धरो,
भटके हुए राही थे हम,
अब तो दया करो,
तेरी शरण हम आ गये।।
जिस पर हुआ करम तेरा,
वो खुशनसीब है,
जिसको तू चाहे प्रभु,
वो तेरे करीब है,
‘चोखानी’ के अंतर् में भी,
भक्ति का रस भरो,
भटके हुए राही थे हम,
अब तो दया करो,
तेरी शरण हम आ गये।।
तेरी शरण हम आ गए,
बाबा कृपा करो,
भटके हुए राही थे हम,
अब तो दया करो,
तेरी शरण हम आ गये।।
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