गिरवर सू गंगा उतरी रे,
बातों तो आई आई भागीरथ रे द्वारा,
मारा भागीरथ रे,
गंगा मैया छोड़ी ऐ जाय।।
जन्म दियो मारी मावड़ी जी,
ओ तो रूप दियो जी किरदार,
मारा भागीरथ रे।।
मावड़ली रो बदलो नहीं उतरे जी,
कोई मावड़ली बताओ जुग संसार,
मारा भागीरथ रे।।
मावड़ली रो बदलो नहीं उतरे जी
भाई एक सीयाले री माजल रात,
मारा भागीरथ रे।।
सुख भर लडलने सुलावियो जी,
कोई भिगोड़ में सुती मारी माय,
मारा भागीरथ रे।।
सुरंगा में गेरा बाजा बाजियां जी,
ऐ तो बाजा बाजा सोहन थाल,
मारा भागीरथ रे।।
गंगा बड़ी जमुना बड़ी जी कोई,
तीर्थ बड़ो हरिद्वार,
मारा भागीरथ रे।।
कोई इण गंगा माई रे मारगा जी,
कोई जीणी जीणी उड़ें रे गुलाल,
मारा भागीरथ रे।।
कोई इण रे गंगा माई रे मारगा जी,
कोई झीर मीर मेह बरसाय,
मारा भागीरथ रे।।
साधुड़ा री भीगी भगवी चादरा जी,
कोई लाडकड़ी रो भींगे सिंगार,
मारा भागीरथ रे।।
इण रे गंगा माई रे मारगा जी,
ओतो बैदयो तों भण रे कबीर,
मारा भागीरथ रे।।
इण रे गंगा माई रे मारगा जी,
कोई सोनयो तो गड़ रहे सुनार,
मारा भागीरथ रे।।
जीको नर गुगल धुप खेवसी जी,
कोई सुरग नेड़ो ने घर दुर,
मारा भागीरथ रे।।
जिको नर भागीरथ गावसी जी,
वो तो वास बैकुंठ रो पाय,
मारा भागीरथ रे।।
गिरवर सू गंगा उतरी रे,
बातों तो आई आई भागीरथ रे द्वारा,
मारा भागीरथ रे,
गंगा मैया छोड़ी ऐ जाय।।
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