होंठों पे हो तेरा नाम,
चाहे सुबह हो या फिर शाम,
रटते ही रहे तेरा नाम,
मेरे खाटू वाले श्याम,
होठो पे हो तेरा नाम,
चाहे सुबह हो या फिर शाम।।
तर्ज – होंठों से छू लो।
इतनी तुम शक्ति दो,
इतनी तुम दृष्टि दो,
मेरा मन विचलित ना हो,
इतनी तुम भक्ति दो,
गुण गाऊं सदा मैं तेरा,
बस इतनी कृपा कर दो,
होठो पे हो तेरा नाम,
चाहे सुबह हो या फिर शाम।।
हारे के सहारे हो,
तो जीत दिलाओ ना,
हारे को मेरे श्याम,
इतना तड़पाओ ना,
अब और नहीं हारे,
विश्वास दिला दो ना,
होठो पे हो तेरा नाम,
चाहे सुबह हो या फिर शाम।।
बचपन से सुना हमने,
हारे को अपनाते हो,
सुरेश की बेला में,
क्यों देर लगाते हो,
अब शरण में ले लो श्याम,
क्यों हमें आजमाते हो,
होठो पे हो तेरा नाम,
चाहे सुबह हो या फिर शाम।।
होंठों पे हो तेरा नाम,
चाहे सुबह हो या फिर शाम,
रटते ही रहे तेरा नाम,
मेरे खाटू वाले श्याम,
होठो पे हो तेरा नाम,
चाहे सुबह हो या फिर शाम।।
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