है तेरे ही भरोसे,
मेरी जिंदगानी,
तू दे रहा है,
मुझे दाना पानी,
हैं तेरे ही भरोसे।।
तर्ज – गरीबों की सुनो।
कौन जानता था मुझे बाबा,
तेरी भक्ति से पहले,
दुनिया जानने लगी है बाबा,
अब नाम से तेरे,
तेरे ही नाम से अब,
मेरा गुजारा,
वरना कौन था इस,
जग में हमारा,
सबने ठुकराया,
शरण तेरी आया,
जो कुछ चाहा बाबा,
तुमसे है पाया,
जो कुछ चाहा बाबा,
तुमसे है पाया,
शरण में ले लो,
अब शीश के दानी,
हैं तेरे ही भरोसे,
मेरी जिंदगानी,
तू दे रहा है,
मुझे दाना पानी,
हैं तेरे ही भरोसे।।
सारे जग से सुनके आया,
तू हारे का सहारा है,
तेरे रहते जग में कैसे,
गोपाल बेसहारा है,
दिनेश तेरे,
चरणों का चाकर,
तुझको रिझाए,
नाच के गाकर,
अर्जी मेरी इतनी बाबा,
भजन सुनाऊँ,
रोज मैं आकर,
भजन सुनाऊँ,
रोज मैं आकर,
बचा के रखना हरदम बाबा,
लज्जा हमारी,
हैं तेरे ही भरोसे,
मेरी जिंदगानी,
तू दे रहा है,
मुझे दाना पानी,
हैं तेरे ही भरोसे।।
है तेरे ही भरोसे,
मेरी जिंदगानी,
तू दे रहा है,
मुझे दाना पानी,
हैं तेरे ही भरोसे।।
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