हे प्रभु हमको अभय वरदान दो,
दीन को दाता दया का दान दो,
हें प्रभु हमको अभय वरदान दो।।
तर्ज – दिल के अरमा।
भक्ति रस से सींच दो अंतःकरण,
भक्ति रस से सींच दो अंतःकरण,
मत मुझे जग के कटु विष पान दो,
हें प्रभु हमको अभय वरदान दो।।
साज जीवन का हुआ है बेसुरा,
साज जीवन का हुआ है बेसुरा,
कर दया इसको सुरीली तान दो,
हें प्रभु हमको अभय वरदान दो।।
वक्त ने है लुट ली जिनकी ख़ुशी,
वक्त ने है लुट ली जिनकी ख़ुशी,
मेरे उन होंठों को फिर मुस्कान दो,
हें प्रभु हमको अभय वरदान दो।।
तुमने भक्तो की रखी है पत सदा,
तुमने भक्तो की रखी है पत सदा,
दाता मेरी ओर भी कुछ ध्यान दो,
हें प्रभु हमको अभय वरदान दो।।
‘ब्रहस्पति’ भी नीत गायेगा गुण आपका,
‘डिम्पल’ भी नीत गाएगीगुण आपका,
शुद्धता सुचिता सदन का ज्ञान दो,
हें प्रभु हमको अभय वरदान दो।।
हे प्रभु हमको अभय वरदान दो,
दीन को दाता दया का दान दो,
हें प्रभु हमको अभय वरदान दो।।
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