हे दुख भंजन अलख निरंजन,
कृपा करो सब पर भोलेनाथ,
कृपा करो सब पर भोलेनाथ,
हे त्रिलोचन संकटमोचन,
सुन लो हमारे मन की बात,
सुन लो हमारे मन की बात,
हे दुःख भंजन अलख निरंजन,
कृपा करो सब पर भोलेनाथ,
कृपा करो सब पर भोलेनाथ।।
सागर मंथन में जब सबने,
अमृत को अपनाया,
विष को सबने छोड़ दिया पर,
तूने गले लगाया,
भोले तूने गले लगाया,
तेरा सुमिरण शुद्ध करे मन,
सुख की करो हम पर बरसात,
हे दुःख भंजन अलख निरंजन,
कृपा करो सब पर भोलेनाथ,
कृपा करो सब पर भोलेनाथ।।
रौद्र रूप में गंगा आई,
बनकर संकट भारी,
तूने उन्हें जटा में बांधा,
बन गए गंगाधारी,
बन गए गंगाधारी,
मोह गया मन तेरा भोलापन,
रख दो हमारे सर पे हाथ,
हे दुःख भंजन अलख निरंजन,
कृपा करो सब पर भोलेनाथ,
कृपा करो सब पर भोलेनाथ।।
महादेव कहते है जिसने,
मन से तुझे पुकारा,
पल में भोले तूने उसका,
बिगड़ा भाग्य संवारा,
भोले बिगड़ा भाग्य संवारा,
मन का आंगन हो जाए पावन,
तू जो रहे हर पल अपने साथ,
हे दुःख भंजन अलख निरंजन,
कृपा करो सब पर भोलेनाथ,
कृपा करो सब पर भोलेनाथ।।
हे दुख भंजन अलख निरंजन,
कृपा करो सब पर भोलेनाथ,
कृपा करो सब पर भोलेनाथ,
हे त्रिलोचन संकटमोचन,
सुन लो हमारे मन की बात,
सुन लो हमारे मन की बात,
हे दुःख भंजन अलख निरंजन,
कृपा करो सब पर भोलेनाथ,
कृपा करो सब पर भोलेनाथ।।
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