हारे का तू साथी सांवरे,
कहना दुनिया सारी का,
मेरा भी साथ निभाने ने,
करूं इंतजार मेरी बारी का।।
तर्ज – चस्का श्याम की यारी का।
दुनिया से मैं हार के बाबा,
तेरी शरण में आया था,
हारे का तू साथ निभावे,
तेरे भगत ने बताया था,
सारी दुनिया में से चर्चा,
तेरी लखदातारी का,
मेरा भी साथ निभाने ने,
करूं इंतजार मेरी बारी का।।
जीवन में दुख बहुत घने से,
इब मैं बाबा हार लिया,
तेरी शरण में आकर बाबा,
मने तेरा नाम लिया,
सबने मिलके फायदा ठाया,
मेरी इस लाचारी का,
मेरा भी साथ निभाने ने,
करूं इंतजार मेरी बारी का।।
तेरी मोरछड़ी का झाड़ा,
सारे कष्ट मिटावे से,
मेरी बार में बतला बाबा,
घनी देर क्यूँ लावे से,
करदे किरपा बन ज्यू दीवाना,
मैं भी तेरी दातारी का,
मेरा भी साथ निभाने ने,
करूं इंतजार मेरी बारी का।।
लीले चढ़ के आजा सांवरे,
और घना क्यूँ सतावे से,
जितनी बाबा देर करे तू,
मेरा मन घबरावे से,
‘अश्विन’ ने भी दिखलादे तू,
चमत्कार तेरी यारी का,
मेरा भी साथ निभाने ने,
करूं इंतजार मेरी बारी का।।
हारे का तू साथी सांवरे,
कहना दुनिया सारी का,
मेरा भी साथ निभाने ने,
करूं इंतजार मेरी बारी का।।
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