हर पूनम को दादा,
मैं नाकोड़ा आऊँगा,
नाकोड़ा नगरी आकर,
तुझे भजन सुनाऊँगा।।
तर्ज – तू किरपा कर बाबा।
चाहें जितनी लंबी,
लाइन में लगा देना,
हे दादा मुझको तू,
भक्तो से मिला देना,
लाइन में खड़े होकर,
तेरी आरती गाना है,
नाकोड़ा नगरी आकर,
तुझे भजन सुनाऊँगा।।
तुझे भजनों से दादा,
हम खूब रिझाएंगे,
झूमेंगे नाचेंगे,
हम ख़ुशियाँ मनाएँगे,
तेरी प्यारी मूरत को,
मैं दिल मे बसाउँगा,
दरबार तेरे आकर,
मैं भजन सुनाऊँगा।।
ऐसी कृपा कर दे,
हर पूनम आता रहूँ,
तेरे कृपा को दादा,
जीवन भर गाता रंहुँ,
‘दिलबर’ तेरे भजनों को,
सुरों से सजाऊँगा,
‘संयम’ कहे दादा तुझे,
भूल न पाउँगा।।
हर पूनम को दादा,
मैं नाकोड़ा आऊँगा,
नाकोड़ा नगरी आकर,
तुझे भजन सुनाऊँगा।।
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