हर तरफ मेरा सांवरिया सरकार है,
उनको दिल से पुकारो वो आजायेंगे।।
ज़र्रे ज़र्रे में मोहन समाया हुआ,
बनके बादल कृपा के वो छा जायेंगे,
बनके सूरज उजाला दिखाया करे,
खुशबू बनके जगत में फैलाया करे,
स्वास बनके वो आया और जाया करे,
तेरा जीवन तो मोहन के हाथों में है,
सौंप दी डोर खुद ही वो आजायेंगे,
हर तरफ मेरा साँवरिया सरकार है।।
हर तरफ मेरा मोहन ही मोहन दिखे,
हरिक गुलशन में वो फूल बनकर खिले,
पेड़ पर्वत पहाड़ो में वो ही दीखे,
सच्चे दिल से उन्हें एक आवाज़ दो,
धर के नरसिंह अवतार आजायेंगे,
हर तरफ मेरा साँवरिया सरकार है।।
तुझमे मुझमे सभी में वो मोहन सरकार,
मन के मंदिर में बैठा वो करतार है,
ढूंढे क्यों खुद में जब वो निराकार है,
बंदगी दिल से ‘राजेंद्र’ उनको करो,
हो के साकार खुद ही वो आजायेंगे,
हर तरफ मेरा साँवरिया सरकार है।।
हर तरफ मेरा सांवरिया सरकार है,
उनको दिल से पुकारो वो आजायेंगे।।
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