हमको चुरू धाम बुलाया,
मेहरबानी आपकी,
मेहरबानी आपकी बाबा,
मेहरबानी आपकी,
भक्तो पे जो प्यार लुटाया,
मेहरबानी आपकी।।
तर्ज – दिल ही दिल में।
पुण्य प्रबल बाबोसा हमारे,
आया आपके धाम में,
चरणों मे हमको बिठाया,
मेहरबानी आपकी।।
शर्म से झुक गया मेरा सर,
ये जुबा खमोश है,
दिल से न हमने सुनी,
बाबा कहानी आपकी।।
धन दौलत न मांगु दिलबर,
है यही मेरी आरजु,
सूरज तेरा गुणगान करे,
ये महरबानी आपकी।।
हमको चुरू धाम बुलाया,
मेहरबानी आपकी,
मेहरबानी आपकी बाबा,
मेहरबानी आपकी,
भक्तो पे जो प्यार लुटाया,
मेहरबानी आपकी।।
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