सोवनी मूरत बाबा पियालो थरपना,
दोहा – झुंझालो ज्यूँ जेतगढ़,
आदू धाम कड़ेल,
मंडी बिराजो देवरे,
ज्यूँ गिरभाकर री शैल।
गौसाई सिर ऊपरे,
झुंझाला निज धाम,
मंडी रचाई देवरे,
भाई मालिक सुधारे काम।
श्री गौसाई जी महाराज को,
चरण निवाऊँ शीश,
हेले हाजर आवजो बाबा,
आजो बिसवा बीस।
सोवनी मूरत बाबा पियालो थरपना,
पहली सतजुग बारे,
झुंझालो रिखियो रो मार्ग,
सत रो पावँडो देरीजे हो जे।।
अड़सठ तीर्थ मक्के मदीने ओ बाबा,
जुड़ जावे जातरी झुंझाले हो जे,
झुंझालो रिखियो रो मार्ग,
सत रो पावँडो देरीजे हो जे,
सत रो पावँडो देरीजे हो जे।।
पोकरण रा कुळ क्षेत्र कहिजो,
खट जमुना ओ बाबा नाले हो जे,
झुंझालो रिखियो रो मार्ग,
सत रो पावँडो देरीजे हो जे।।
राम सरोवर में स्नान करता,
झड़ जावे पाप झुंझाले हो जे,
झुंझालो रिखियो रो मार्ग,
सत रो पावँडो देरीजे हो जे।।
तबली तार बाबा वीणा बाजिया,
कांसी रा झणकारा हो जे,
झुंझालो रिखियो रो मार्ग,
सत रो पावँडो देरीजे हो जे।।
जीणे साद से जो सन्त गावे,
हरख हरख झुंझाले हो जे,
झुंझालो रिखियो रो मार्ग,
सत रो पावँडो देरीजे हो जे।।
प्रसन्न होया ज्याने मिलिया परमेश्वर,
दर्शन दिया बाबा द्वारे हो जे,
झुंझालो रिखियो रो मार्ग,
सत रो पावँडो देरीजे हो जे।।
गरू म्हारा हरिजन किशनोजी बोले,
भेक सायब रे लारे हो जे,
झुंझालो रिखियो रो मार्ग,
सत रो पावँडो देरीजे हो जे।।
सोवनी मूरत बाबा पियालों थरपना,
पहली सतजुग बारे,
झुंझालो रिखियो रो मार्ग,
सत रो पावँडो देरीजे हो जे।।
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