सुनो करुणा भरी ये पुकार,
द्वार तेरे हम आये,
तोरे अंगना लगी है कतार,
द्वार तेरे हैं आये।।
दूर करें दुःख सब लोगों के,
अपनी मातारानी,
शीश झुकाये खड़े हुए हैं,
दम्भी अरु अभिमानी,
पायीं तपसे है शक्ति अपार,
द्वार तेरे हैं आये,
सुनों करुणा भरी ये पुकार,
द्वार तेरे हम आये।।
ज्ञानी को मां दिखें शारदा,
अपराधी को काली,
खड्ग वार से निश्चर कटते,
धरती छायी लाली,
मैय्या रहती हैं सिंह सवार,
द्वार तेरे हैं आये,
सुनों करुणा भरी ये पुकार,
द्वार तेरे हम आये।।
लाल चुनरिया प्यारी मां को,
ध्वजा नारियल भाये,
कन्या भोज में मैय्या आतीं,
वेद शास्त्र बतलाये,
अपने जीवन का करें उद्धार,
द्वार तेरे जो आये,
सुनों करुणा भरी ये पुकार,
द्वार तेरे हम आये।।
पर्वत पर्वत डेरा तेरा,
दुर्गम हैं सब राहें,
सबमे शस्त्र एक से बढ़कर,
तेरी आठों बांहें,
महिषासुर का किया संहार,
द्वार तेरे हैं आये,
सुनों करुणा भरी ये पुकार,
द्वार तेरे हम आये।।
सुनो करुणा भरी ये पुकार,
द्वार तेरे हम आये,
तोरे अंगना लगी है कतार,
द्वार तेरे हैं आये।।
Discover more from Brij Ke Rasiya
Subscribe to get the latest posts sent to your email.