सिर बांधे मुकुट खेले होली,
सिर बांधे मुकुट खेले होरी।।
पहली होली वृंदावन में खेले,
वृंदावन में खेले वृंदावन में खेले,
श्री राधेश्याम जू की है जोड़ी,
सिर बांधे मुकुट खेले होरी।।
दूसरी होली अवधपूर मा खेलें,
अवधपुर में खेले अवधपुर में खेलें,
श्री सीताराम जू की है जोड़ी,
सिर बांधे मुकुट खेले होरी।।
तीसरी होली कैलाश मां खेलें,
कैलाश मां खेले कैलाश मा खेलें,
अरे गौरीशंकर जू की है जोड़ी,
सिर बांधे मुकुट खेले होरी।।
सिर बांधे मुकुट खेले होली,
सिर बांधे मुकुट खेले होरी।।
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