जब कभी तुमको आवाज दूँ मैं,
सांवरे तुमको आना पड़ेगा,
है कसम तुमको हरपल में हाँ,
साथ मेरा निभाना पड़ेगा,
जब कभी तुमको आवाज दूँ मैं,
साँवरे तुमको आना पड़ेगा।।
तर्ज – जिंदगी प्यार का गीत।
तुझको सौगंध है श्याम तेरी,
लाज मेरी बचानी पड़ेगी,
खा के ठोकर अगर मैं गिरुं तो,
आके मुझको उठाना पड़ेगा,
जब कभी तुमको आवाज दूँ मैं,
साँवरे तुमको आना पड़ेगा।।
बन गई प्रीत या द्रोपदी सी,
और कौरव बना है जमाना,
हाथों से दानवो के तुम्हे ही,
आ के हमको बचाना पड़ेगा,
जब कभी तुमको आवाज दूँ मैं,
साँवरे तुमको आना पड़ेगा।।
जिंदगी की ये राहें कठिन है,
और समय ने है कांटें बिछाए,
मेरी राहो से कांटे गमो के,
श्याम तुमको हटाना पड़ेगा,
जब कभी तुमको आवाज दूँ मैं,
साँवरे तुमको आना पड़ेगा।।
जब कभी तुमको आवाज दूँ मैं,
सांवरे तुमको आना पड़ेगा,
है कसम तुमको हरपल में हाँ,
साथ मेरा निभाना पड़ेगा,
जब कभी तुमको आवाज दूँ मैं,
साँवरे तुमको आना पड़ेगा।।
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