मडंपिया में बैठा,
सांवल सेठ जी,
थे तो सुता हो,
कई सुखभर निंद,
सांवरिया थारी,
गाया ने बचालो रे,
नंदलाला थारी,
गायां ने बचालो रे।।
असी कई बिमारी,
सावरां चाल री,
थारी गायां तो तडपे रे,
मर मर जाय,
नंदलाला थारी,
गायां ने बचालो रे।।
गायां सु बाज्या थे,
गौपाल जी,
आज सुणो कोनी,
गायां री पुकार,
गौपाला थारी,
गायां ने बचालो रे।।
द्वापुर मे गायां,
थाकी लाडली,
आज कलयुग मे,
सुणो नी पुकार,
कानुडा थारी,
गायां ने बचालो रे। ।
भुखी रे प्यासी,
घर घर भटक रही,
ये तो मार खावे रे,
दुनिया माय,
नदंलाला थारी,
गायां ने बचालो रे।।
गायां का रखवाला,
गिरधर सावरां,
आज कटे रे सुता हो,
सुखभर निंद,
सावरिया थारी,
गायां ने बचालो रै।।
गायां ने बचालो,
कलयुग मायने,
सुनिल मदांरा सु,
करे रे पुकार,
कानुडा थारी,
गायां ने बचालो रे।।
मडंपिया में बैठा,
सांवल सेठ जी,
थे तो सुता हो,
कई सुखभर निंद,
सांवरिया थारी,
गाया ने बचालो रे,
नंदलाला थारी,
गायां ने बचालो रे।।
Discover more from Brij Ke Rasiya
Subscribe to get the latest posts sent to your email.