श्याम मोरछड़ी लहरादे,
सारे संकट कट जाएँ,
है फँसी भंवर में नैया,
मेरी पार हो जाए।।
तर्ज – दिल दीवाने का डोला।
जब जग ने मुझे रुलाया,
मैं हार तेरे दर आया,
और दर पर आकर बाबा,
मैंने दर्शन तेरा पाया,
तुम हारे के सहारे,
बेडा पार हो जाए,
है फँसी भंवर में नैया,
मेरी पार हो जाए।।
दुनिया ने ठोकर मारी,
बस तुमने साथ निभाया,
चरणों में आकर बाबा,
मैंने अपना हाल सुनाया,
छाई अंधियारी रातें,
उजाला कर जाए,
है फँसी भंवर में नैया,
मेरी पार हो जाए।।
हर ग्यारस पर आते है,
बाबा तुमसे ही मिलने,
और मरते दम तक बाबा,
आएंगे दर्शन करने,
अब लीले चढ़ कर आजा,
‘दीपू’ भी तर जाए,
है फँसी भंवर में नैया,
मेरी पार हो जाए।।
श्याम मोरछड़ी लहरादे,
सारे संकट कट जाएँ
है फँसी भंवर में नैया,
मेरी पार हो जाए।।
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