आओ गवरी रा गणराज,
विनायक दूंद दुन्दाला,
विनायक दूंद दुन्दाला,
सिंदूरया सूंड सुंडाला।।
विश्वकर्मा विश्व रचाया,
सृष्टि में प्रथम पुजाया,
माया सकल मनावे आज,
विनायक दूंद दुन्दाला,
सिंदूरया सूंड सुंडाला।।
सब बाट देवता जोवे,
थाने सुमरया हो सिद्ध होवे,
होवे सफल मनोरथ काज,
विनायक दूंद दुन्दाला,
सिंदूरया सूंड सुंडाला।।
ब्रह्म वेद बखाने वाणी,
तुम तैतीसा अगवाणी,
राणी रिद्ध सिद्ध सिरताज,
विनायक दूंद दुन्दाला,
सिंदूरया सूंड सुंडाला।।
शुद्ध वाणी निकले मुँह से,
‘भैरव’ भगवान भरोसे,
तोसे अर्ज करू महाराज,
विनायक दूंद दुन्दाला,
सिंदूरया सूंड सुंडाला।।
आओ गवरी रा गणराज,
विनायक दूंद दुन्दाला,
विनायक दूंद दुन्दाला,
सिंदूरया सूंड सुंडाला।।
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