आँख में असुवन धार,
अब जग से गया मैं हार,
तू है मेरा आधार,
सुना तू बड़ा दयालु है,
श्याम तू बड़ा दयालु है।।
तर्ज – ना कजरे की धार।
तेरी नज़रों में मेरी गिनती,
है एक ही तुझसे विनती,
करूँ सेवा जीवन भर,
तेरा बहुत बड़ा दरबार,
आँख में अंसुवन धार,
अब जग से गया मैं हार।।
सारा जग है ये धोखा,
बस तुझपे एक भरोसा,
हारे को तू जिताये,
तेरी बहुत बड़ी सरकार,
आँख में अंसुवन धार,
अब जग से गया मैं हार।।
दुनिया ने मुझे रुलाया,
तब तूने दर पे बुलाया,
जीवन में मेरे लिए,
दिया तूने ये उपहार,
आँख में अंसुवन धार,
अब जग से गया मैं हार।।
इस जग ने जिसे सताया,
बाबा पलकों पे बिठाया,
‘पायल’ की नैया की,
ये श्याम है पतवार,
आँख में अंसुवन धार,
अब जग से गया मैं हार।।
आँख में असुवन धार,
अब जग से गया मैं हार,
तू है मेरा आधार,
सुना तू बड़ा दयालु है,
श्याम तू बड़ा दयालु है।।
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