अरज मारो श्याम सुणसी रे

मारो श्याम सुणसी रे,
अरज मारो श्याम सुणसी रे,
मनडा खाटू माही चाल,
अरज म्हारो श्याम सुणसी रे।।

जगत दिवानो है मारा बाबा,
तीन बाण तपधारी को,
कलयुग माही एक आसरो,
श्याम धणी अवतारी को,
भरोसो माने भारी रे,
अरज म्हारो श्याम सुणसी रे,
मनडा खाटू माही चाल,
अरज म्हारो श्याम सुणसी रे।।

कलयुग रो अवतारी बाबो,
सबका दुखड़ा काट रयो,
खाटू को दरबार सुहाणो,
भगता के मन भाय रयो,
भगत रा दुखड़ा काटे रे,
अरज म्हारो श्याम सुणसी रे,
मनडा खाटू माही चाल,
अरज म्हारो श्याम सुणसी रे।।

म्हारो श्याम सुणसी रे,
अरज म्हारो श्याम सुणसी रे,
मनडा खाटू माही चाल,
अरज म्हारो श्याम सुणसी रे।।


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