ताजमहल की बात तो,
पुरानी हो गई,
अब ये दुनिया राम की,
दीवानी हो गई।।
तर्ज – अपने दिल का हाल।
गूंज उठा देखो जयकारा,
जय श्री राम का लागे नारा,
मंदिर बन गया सबसे प्यारा,
कितना सुंदर है ये नजारा,
देखो अवध की अनमिट सी,
कहानी हो गई,
अब ये दुनियां राम की,
दीवानी हो गई।।
खुशियों की सौगात आ गई,
जनकपुरी भी साथ आ गई,
त्रेता युग सा बना नजारा,
संग में सीता मात आ गई,
वन वन भटकी सीता अब,
महारानी हो गई,
अब ये दुनियां राम की,
दीवानी हो गई।।
ऊंचे गगन से देव पधारे,
आके राम कर चरण पखारे,
दशरथ संग है हनुमत प्यारे,
निरख राम थूथकारे डारे,
सुध अपनी ना ‘नेहा’ तो,
मस्तानी हो गई,
अब ये दुनियां राम की,
दीवानी हो गई।।
ताजमहल की बात तो,
पुरानी हो गई,
अब ये दुनिया राम की,
दीवानी हो गई।।
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