भोले ओ भोले,
तू मेरा मैं तेरा,
अपना मुझे बना ले,
दर्शन जरा दिखा दे।।
तर्ज – भोले ओ भोले।
ओ भोले तेरा बंदा,
तुझसे बड़ा शर्मिंदा,
पर प्यारा मुझको लागे,
माथे का तेरा चंदा,
तेरा जब जब डमरू बजता,
कानो को प्यारा है लगता,
तू मुझे समझा दे,
अपना मुझें बना ले,
दर्शन जरा दिखा दे।।
ओ भोले शमशानों में,
डाला है तूने डेरा,
कैसे मैं आऊं मिलने,
दिल घबराता है मेरा,
भोले तू तो है दिलवाला,
द्वार पे लगता कभी ना ताला,
तू मुझे समझा दे,
अपना मुझें बना ले,
दर्शन जरा दिखा दे।।
भूतों के देव भोले,
कलकत्ता में तेरा डेरा,
तू तन पे भस्म रमाए,
बैठा लगा के डेरा,
इक लौटा जल से खुश होता,
तेरा प्रेमी कभी ना रोता,
‘मित्तल’ को भस्म बनाए,
अपना मुझें बना ले,
दर्शन जरा दिखा दे।।
भोले ओ भोले,
तू मेरा मैं तेरा,
अपना मुझे बना ले,
दर्शन जरा दिखा दे।।
Discover more from Brij Ke Rasiya
Subscribe to get the latest posts sent to your email.