अगड़बम अगड़बम बाजे डमरू,
दोहा – आप बिना नहीं आसरो,
जग तारन जगदीश,
शंकर भोलानाथ ने मैं,
चरण निवावू शीश।
अगड़बम अगड़बम बाजे डमरू,
नाचे रे भोलोनाथ आगे हैं भेरू,
नाचे गणेशा ने नाचे हनुमान,
पार्वती रा प्राणनाथ भोला भगवान।।
भांग बोई भोलानाथ,
निपजाई गणेश,
पार्वता जी पाणी पावे,
खुले लटिया केश,
अगड़बम अगड़बम बाजें डमरू,
नाचे रे भोलोनाथ आगे हैं भेरू।।
भांग के रा रोटला ने,
धतूरे रो साग,
पूरषे माता पार्वती ने,
जिमे भोलानाथ,
अगड़बम अगड़बम बाजें डमरू,
नाचे रे भोलोनाथ आगे हैं भेरू।।
हाथ लीनी भभूति ने,
लगावे हैं अंग,
देखो मैया पार्वती ओ,
कैसो भयो रंग,
अगड़बम अगड़बम बाजें डमरू,
नाचे रे भोलोनाथ आगे हैं भेरू।।
नाग के रा बाजूबन्द,
नाग के रा हार,
नागण की कुण्डल में,
सुहावे भोलानाथ,
अगड़बम अगड़बम बाजें डमरू,
नाचे रे भोलोनाथ आगे हैं भेरू।।
कोई पूजावे अंग बाबा,
कोई पूजावे पग,
नरसी मेहता तो पूजे,
ओ शिवलिंग,
अगड़बम अगड़बम बाजें डमरू,
नाचे रे भोलोनाथ आगे हैं भेरू।।
अगड़बम अगड़बम बाजें डमरू,
नाचे रे भोलोनाथ आगे हैं भेरू,
नाचे गणेशा ने नाचे हनुमान,
पार्वती रा प्राणनाथ भोला भगवान।।
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