होके माँ सिंह पे सवार,
आएगी नवरातों में,
आएगी नवरातों में,
आएगी नवरातों में,
खोल के रखना द्वार,
आएगी नवरातों में,
होके मां सिंह पे सवार,
आएगी नवरातों में।।
तर्ज – भक्तों की भीड़ है अपार।
अपनों से माँ मिलने मिलाने,
बच्चों के दिल को बहलाने,
लेकर खुशियां हजार,
आएगी नवरातों में,
होके मां सिंह पे सवार,
आएगी नवरातों में।।
लाल चुनरिया ओढ़ के सर पे,
शीश मुकुट सोने का धर के,
कर सोलह श्रृंगार,
आएगी नवरातों में,
होके मां सिंह पे सवार,
आएगी नवरातों में।।
मैया अष्ट भुजाओं वाली,
बनके शारदा लक्ष्मी काली,
करने भक्तों को मालामाल,
आएगी नवरातों में,
होके मां सिंह पे सवार,
आएगी नवरातों में।।
मैया के जगराते जगाओ,
झूमो नाचो माँ को रिझाओ,
सारे करेंगे जय जयकार,
आएगी नवरातों में,
होके मां सिंह पे सवार,
आएगी नवरातों में।।
थाली छप्पन भोग की लाओ,
हलवा पुरी का भोग लगाओ,
‘सोनू’ करे है मनुहार,
आएगी नवरातों में,
होके मां सिंह पे सवार,
आएगी नवरातों में।।
होके माँ सिंह पे सवार,
आएगी नवरातों में,
आएगी नवरातों में,
आएगी नवरातों में,
खोल के रखना द्वार,
आएगी नवरातों में,
होके मां सिंह पे सवार,
आएगी नवरातों में।।
Discover more from Brij Ke Rasiya
Subscribe to get the latest posts sent to your email.