हे गणपति तेरी आरती गाऊ,
आरती गाऊं देवा आपको रिझाऊ,
हे गणपति तेरी आरती गाऊं।।
तर्ज – बांके बिहारी तेरी आरती गाऊं।
शिव गौरी के प्यारे लाडले,
सर्व काज में लाज राख ले,
लम्बोदर देवा शिश नवाऊ,
हे गणपति तेरी आरती गाऊं।।
कनक सिंहासन देवा आप विराजे,
रिद्धि सिद्धी संग शोभा पावे,
लम्बोदर देवा दुब चढ़ाऊ,
हे गणपति तेरी आरती गाऊं।।
एकदंत और विघ्नविनाशक,
कुमकुम चंदन शुभफल दायक,
अन्न धन विद्या शुभ मति पाऊ,
हे गणपति तेरी आरती गाऊं।।
मूषक वाहन फरसा हाथ में,
प्रथम पूज्य और मोदक कर में,
देख मधुर छवी वारी वारी जाऊ,
हे गणपति तेरी आरती गाऊं।।
दास अनाथ के नाथ आप हो,
सुख दुःख जीवन देवा साथ आप हो,
इन चरणों में मैं शीश झुकाऊ,
हे गणपति तेरी आरती गाऊं।।
हे गणपति तेरी आरती गाऊ,
आरती गाऊं देवा आपको रिझाऊ,
हे गणपति तेरी आरती गाऊं।।
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