जिसे दुनिया हराये,
उसे श्याम जिताये,
हारे का सहारा बन जाए,
खाटू का मेरा सांवरिया,
खाटू का मेरा सांवरिया।।
तर्ज – मुझे नींद आये।
जिसने भी मेरे श्याम से,
अर्ज़ी लगाईं है,
सांवरिया ने पकड़ी,
उसकी कलाई है,
ये ही तो इनमे ख़ास है,
तोड़े ना विश्वास है,
रोते को हंसाये,
खुशियां बरसाए,
जीवन गुलज़ार बनाये,
खाटू का मेरा सांवरिया,
खाटू का मेरा सांवरिया।।
तू तो सारे जग का,
पालनहारा है,
फिर क्यों ये प्रेमी तेरा,
जग से हारा है,
क्यों ये हुआ मेरा हाल है
यही मेरा तुझसे सवाल है
जिसे जग ठुकराए,
उसे तू अपनाये,
यही सबकी जुबां पे आये,
खाटू का मेरा सांवरिया,
खाटू का मेरा सांवरिया।।
हाथों हाथ तू बांटे,
सबको परचा है,
इसीलिए हर ज़ुबान पे,
तेरी चर्चा है,
तेरा अनोखा प्यार है,
प्यार भी ये बेशुमार है,
डोरी प्रेम की बढाए,
तू तो रिश्ता निभाए,
प्रेम प्रेमियों का तू कहलाये,
खाटू का मेरा सांवरिया,
खाटू का मेरा सांवरिया।।
हार के ‘कुंदन’ श्याम शरण,
जो आता है,
अपना बन कर बाबा,
साथ निभाता है,
ये देव बड़ा दिलदार है,
कलयुग का अवतार है,
दुःख दर्द मिटाये,
सुख चैन ये लाये,
‘रोहित’ जीवन महकाये,
खाटू का मेरा सांवरिया,
खाटू का मेरा सांवरिया।।
जिसे दुनिया हराये,
उसे श्याम जिताये,
हारे का सहारा बन जाए,
खाटू का मेरा सांवरिया,
खाटू का मेरा सांवरिया।।
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