हमने सुना है द्वार पे तेरे,
बिगड़ा नसीब सँवरता है,
जग जाता है सोया नसीबा,
तू वो जादू करता है,
हमने सुना हैं द्वार पे तेरे,
बिगड़ा नसीब सँवरता है।।
तर्ज – कस्मे वादे प्यार वफ़ा।
सारी दुनिया बोलती है तू,
राजाओं का राजा है,
दीन दुखी निर्बल की खातिर,
तेरा खुला दरवाजा है,
निर्बल को तू बल देता है,
दुखियों के दुःख हरता है,
हमने सुना हैं द्वार पे तेरे,
बिगड़ा नसीब सँवरता है।।
टूट चूका हूँ मैं भी बाबा,
हिम्मत भी अब हार गई,
खुद को हौंसला देने की भी,
हर कोशिश बेकार गई,
क्या बोलूं मैं अपनी जुबा से,
तू तो आँखे पढता है,
हमने सुना हैं द्वार पे तेरे,
बिगड़ा नसीब सँवरता है।।
सारे सहारे छूट गए बस,
तेरी आस ही बाकी है,
सांसो से भी ज्यादा जरुरत,
मुझको तेरी कृपा की है,
डाल से टुटा फूल भी ‘माधव’,
तेरी दया से निखरता है,
हमने सुना हैं द्वार पे तेरे,
बिगड़ा नसीब सँवरता है।।
हमने सुना है द्वार पे तेरे,
बिगड़ा नसीब सँवरता है,
जग जाता है सोया नसीबा,
तू वो जादू करता है,
हमने सुना हैं द्वार पे तेरे,
बिगड़ा नसीब सँवरता है।।
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