सारे जहाँ के मालिक,
तेरा ही आसरा है,
राजी है हम उसी में,
जिसमे तेरी रजा है,
सारे जहां के मालिक,
तेरा ही आसरा है।।
हम क्या बताएं तुमको,
सब कुछ तुम्हे खबर है,
हर हाल में हमारी,
तेरी तरफ नजर है,
किस्मत है ये हमारी,
जो तेरा फैसला है,
सारे जहां के मालिक,
तेरा ही आसरा है।।
हाथों को हम दुआ की,
खातिर में लाएं कैसे,
सजदे में तेरे आकर,
सर को झुकाएं कैसे,
मजबूरियां हमारी,
बस तू ही जानता है,
सारे जहां के मालिक,
तेरा ही आसरा है।।
रोकर कटे या हसकर,
कटती है जिंदगानी,
तू गम दे या ख़ुशी दे,
सब तेरी मेहरबानी,
तेरी ख़ुशी समझकर,
सब गम भुला दिया है,
सारे जहां के मालिक,
तेरा ही आसरा है।।
सारे जहाँ के मालिक,
तेरा ही आसरा है,
राजी है हम उसी में,
जिसमे तेरी रजा है,
सारे जहां के मालिक,
तेरा ही आसरा है।।
Discover more from Brij Ke Rasiya
Subscribe to get the latest posts sent to your email.