समझ समझ म्हारी भोली काया,
थोड़ा जीने के कारण,
क्या जोड़े माया।।
ऊंचा ऊंचा महल माल्या,
नीचा रे दरवाजा,
ऐ यहां मैं आर तो बसे है,
नगरी का राजा,
समझ समझ मारी भोली काया,
थोड़ा जीने के कारण,
क्या जोड़े माया।।
टूट टूट जाएगा डाण मेडी,
टूट गया दरवाजा,
अरे ये तो रोता ही फरेगा,
नगरी का राजा,
समझ समझ मारी भोली काया,
थोड़ा जीने के कारण,
क्या जोड़े माया।।
समझ समझ म्हारी भोली काया,
थोड़ा जीने के कारण,
क्या जोड़े माया।।
Discover more from Brij Ke Rasiya
Subscribe to get the latest posts sent to your email.