कैसा जादू सांवरिया,
है तेरे प्यार में,
दीवाने होकर नाचे,
तेरे दरबार में,
कैसा जादू साँवरिया,
है तेरे प्यार में।।
तर्ज – तुम झोली भरलो भक्तो।
तेरी भोली भाली सूरत,
देख के मन हर्षाए,
देख के मन हर्षाए,
आते ही दरबार में तेरे,
सारे दुख मिट जाए,
सारे दुख मिट जाए,
भाता ना फिर तो कोई,
दूजा संसार में,
दीवाने होकर नाचे,
तेरे दरबार में,
कैसा जादू साँवरिया,
है तेरे प्यार में।।
कजरारे ये नैन तुम्हारे,
दिल पे तीर चलाए,
दिल पे तीर चलाए,
उस पर ये मुस्कान तुम्हारी,
घायल ही कर जाए,
घायल ही कर जाए,
सुध बुध बिसराए अपनी,
तेरे दीदार में,
दीवाने होकर नाचे,
तेरे दरबार में,
कैसा जादू साँवरिया,
है तेरे प्यार में।।
अपने भक्तों पर तू कान्हा,
इतना प्यार लुटाए,
इतना प्यार लुटाए,
भूल के सारी दुनियादारी
हम तेरे हो जाए,
हम तेरे हो जाए,
‘सोनू’ बंध जाए तेरे,
प्रेम के तार में,
दीवाने होकर नाचे,
तेरे दरबार में,
कैसा जादू साँवरिया,
है तेरे प्यार में।।
कैसा जादू सांवरिया,
है तेरे प्यार में,
दीवाने होकर नाचे,
तेरे दरबार में,
कैसा जादू साँवरिया,
है तेरे प्यार में।।
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