मन में बिठाकर तेरी मूर्ति,
उतारे ओ मैया तेरी आरती,
सजाई है पूजा की थाली तेरी,
लिए सच्ची श्रद्धा है मन में मेरी,
मन में बिठाकर तेरी मूर्ति,
उतारे ओ मईया तेरी आरती।।
तर्ज – मन में बसाकर तेरी मूर्ति।
देखे – माता अम्बे मेरी माँ जगदम्बे मेरी।
रक्षा करो कष्ट हरो विनती सुनो माँ,
ममता भरी प्यार की नज़र में रखो माँ,
जाऊं मैं कहाँ कौन है मेरा,
जाऊं मैं कहाँ कौन है मेरा,
आँचल की माता रानी छाव है रखती,
मन में बिठाकर तेरी मूर्ति,
उतारे ओ मईया तेरी आरती।।
आस करूँ महिमा गाऊं ज्योति जलाऊँ,
तन मन अर्पण मैं करूँ तुमको मनाऊं,
भक्तो की पुकार सुनती है मैया,
भक्तो की पुकार सुनती है मैया,
आस मन की मैया तू पूरी है करती,
मन में बिठाकर तेरी मूर्ति,
उतारे ओ मईया तेरी आरती।।
जो भी तेरा ध्यान करे मान मिले माँ,
भक्ति पूजा लाल का वरदान मिले माँ,
सुनलो एक बार ‘जयेश’ की पुकार,
सुनलो एक बार ‘जयेश’ की पुकार,
‘शर्मा’ करे माँ विनती बारबार,
मन में बिठाकर तेरी मूर्ति,
उतारे ओ मईया तेरी आरती।।
मन में बिठाकर तेरी मूर्ति,
उतारे ओ मैया तेरी आरती,
सजाई है पूजा की थाली तेरी,
लिए सच्ची श्रद्धा है मन में मेरी,
मन में बिठाकर तेरी मूर्ति,
उतारे ओ मईया तेरी आरती।।
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