जीवन की है नैया,
मझधार सांवरे,
अब सौंप दी है तुझको,
पतवार सांवरे।।
तर्ज – अफसाना लिख रही हूँ।
संकटो से बाबा,
तुम ही बचाते हो,
तुम ही बचाते हो,
साथ हर घड़ी बस,
तुम ही निभाते हो,
तुम ही निभाते हो,
झूठे है रिश्ते नाते,
परिवार सांवरे,
अब सौंप दी हैं तुझको,
पतवार सांवरे।।
झूठे इंसानो का,
जग में गुजारा है,
जग में गुजारा है,
सच्चे इंसानो को,
बस तेरे सहारा है,
बस तेरे सहारा है,
हाथ लगा के कर दे,
भव पार सांवरे,
अब सौंप दी हैं तुझको,
पतवार सांवरे।।
जो दिल में बस जाए,
मूरत तुम्हारी है,
मूरत तुम्हारी है,
नज़रो से ना हो ओझल,
सूरत तुम्हारी है,
सूरत तुम्हारी है,
कहता ‘सूरज’ तेरी महिमा,
है अपार सांवरे,
अब सौंप दी हैं तुझको,
पतवार सांवरे।।
जीवन की है नैया,
मझधार सांवरे,
अब सौंप दी है तुझको,
पतवार सांवरे।।
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