जब तुम अपने अंदर की दिव्यता को समझोगे, तब तुम ब्रह्मा का रूप देख पाओगे।
जब तुम अपने अंदर की दिव्यता को समझोगे, तब तुम ब्रह्मा का रूप देख पाओगे।
जब तुम अपने अंदर की दिव्यता को समझोगे, तब तुम ब्रह्मा का रूप देख पाओगे।
जब आप भगवान की सेवा करते हैं, तो अन्य लोगों की सेवा करने में आपका आनंद बढ़ता है।
भगवान कृष्ण की कृपा से जीवन में आनंद और समृद्धि का आभास होता है।
श्री कृष्ण कहते हैं, “कर्म करो फल की चिंता मत करो।”
धर्म का अर्थ है सत्य और न्याय की पालना करना, और अपने कर्मों के द्वारा अच्छाई फैलाना।
समस्त जीवों की एकता को समझो, तभी तुम स्वयं को पूर्ण मान सकोगे।
जीवन में सच्ची खुशियाँ प्राप्त करने के लिए, आपको दूसरों के लिए दिया जाने वाला प्रेम और सेवा करना होगा।
प्रेम से जीने की कला को श्री कृष्ण ने हमें सिखाया है।
प्रेम करो, क्योंकि प्रेम ही जीवन की एकमात्र शक्ति है।
जीवन की राह पर चलते रहो, क्योंकि श्री कृष्ण हमेशा तुम्हारे साथ हैं।