श्री कृष्ण की आध्यात्मिक ज्ञान की खोज में जीवन का अर्थ मिलता है।
जीवन में संतुष्ट रहो, क्योंकि संतोष ही सच्ची सुख की कुंजी है।
कर्म करो फल की चिंता न करो, फल ईश्वर का कर्तव्य है।
सभी धर्मों में प्यार और समरसता होनी चाहिए, क्योंकि वे सब एक ही सत्य की ओर ले जाते हैं।
आपके मन की शांति आपकी संयमित इच्छाओं में ही स्थित है।
जो व्यक्ति शान्ति के साथ कार्य करता है, वही सर्वश्रेष्ठ कार्य करता है।
जो शुद्ध मन से भगवान को याद करता है, वह ज्ञान का आनंद प्राप्त करता है।
अपनी इच्छाओं को काबू में रखो, तब आपको वश में कर सकते हो।
सबको समझने की कोशिश करो, तभी सही न्याय दिया जा सकता है।