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श्री वीरभद्र चालीसा (Shri Veerabhadra Chalisa)

श्री वीरभद्र चालीसा (Shri Veerabhadra Chalisa) भगवान शिव के रौद्र अवतार, वीरभद्र को समर्पित एक शक्तिशाली स्तोत्र है। वीरभद्र, जिन्हें शिव जी के अंश से उत्पन्न माना जाता है, अत्यंत पराक्रमी और भक्तों की रक्षा करने वाले देवता हैं। श्री वीरभद्र चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति को साहस, शक्ति और शत्रुओं से मुक्ति मिलती है। यह चालीसा उनके अनन्य भक्तों के लिए एक अद्भुत साधन है, जिसके माध्यम से वे वीरभद्र जी की कृपा प्राप्त कर सकते हैं और जीवन में आने वाली बाधाओं को दूर कर सकते हैं। आइए, इस पावन चालीसा का पाठ कर वीरभद्र जी की असीम कृपा का अनुभव करें।

श्री वीरभद्र चालीसा विडियो

Video Credits: Kuldeep Shukla

श्री वीरभद्र चालीसा

|| दोहा ||

वन्‍दो वीरभद्र शरणों शीश नवाओ भ्रात ।
ऊठकर ब्रह्ममुहुर्त शुभ कर लो प्रभात ॥

ज्ञानहीन तनु जान के भजहौंह शिव कुमार।
ज्ञान ध्‍यान देही मोही देहु भक्‍ति सुकुमार।

|| चौपाई ||

जय-जय शिव नन्‍दन जय जगवन्‍दन ।
जय-जय शिव पार्वती नन्‍दन ॥

जय पार्वती प्राण दुलारे।
जय-जय भक्‍तन के दु:ख टारे॥

कमल सदृश्‍य नयन विशाला ।
स्वर्ण मुकुट रूद्राक्षमाला॥

ताम्र तन सुन्‍दर मुख सोहे।
सुर नर मुनि मन छवि लय मोहे॥

मस्‍तक तिलक वसन सुनवाले।
आओ वीरभद्र कफली वाले॥

करि भक्‍तन सँग हास विलासा ।
पूरन करि सबकी अभिलासा॥

लखि शक्‍ति की महिमा भारी।
ऐसे वीरभद्र हितकारी॥

ज्ञान ध्‍यान से दर्शन दीजै।
बोलो शिव वीरभद्र की जै॥

नाथ अनाथों के वीरभद्रा।
डूबत भँवर बचावत शुद्रा॥

वीरभद्र मम कुमति निवारो ।
क्षमहु करो अपराध हमारो॥

वीरभद्र जब नाम कहावै ।
आठों सिद्घि दौडती आवै॥

जय वीरभद्र तप बल सागर ।
जय गणनाथ त्रिलोग उजागर ॥

शिवदूत महावीर समाना ।
हनुमत समबल बुद्घि धामा ॥

दक्षप्रजापति यज्ञ की ठानी ।
सदाशिव बिन सफल यज्ञ जानी॥

सति निवेदन शिव आज्ञा दीन्‍ही ।
यज्ञ सभा सति प्रस्‍थान कीन्‍ही ॥

सबहु देवन भाग यज्ञ राखा ।
सदाशिव करि दियो अनदेखा ॥

शिव के भाग यज्ञ नहीं राख्‍यौ।
तत्‍क्षण सती सशरीर त्‍यागो॥

शिव का क्रोध चरम उपजायो।
जटा केश धरा पर मार्‌यो॥

तत्‍क्षण टँकार उठी दिशाएँ ।
वीरभद्र रूप रौद्र दिखाएँ॥

कृष्‍ण वर्ण निज तन फैलाए ।
सदाशिव सँग त्रिलोक हर्षाए॥

व्‍योम समान निज रूप धर लिन्‍हो ।
शत्रुपक्ष पर दऊ चरण धर लिन्‍हो॥

रणक्षेत्र में ध्‍वँस मचायो ।
आज्ञा शिव की पाने आयो ॥

सिंह समान गर्जना भारी ।
त्रिमस्‍तक सहस्र भुजधारी॥

महाकाली प्रकटहु आई ।
भ्राता वीरभद्र की नाई ॥

|| दोहा ||

आज्ञा ले सदाशिव की चलहुँ यज्ञ की ओर ।
वीरभद्र अरू कालिका टूट पडे चहुँ ओर॥

|| इति श्री वीरभद्र चालीसा समाप्त ||

Shri Veerabhadra Chalisa in English

|| Doha ||

Vando Veerabhadra sharonon, sheesh navaao bhrat.
Uthkar brahmamuhurt shubh, kar lo prabhat.

Gyanheen tanu jaan ke, bhajahun Shiv Kumar.
Gyan dhyaan dehi mohi, dehu bhakti sukumar.

|| Chaupai ||

Jai Jai Shiv Nandan Jai Jagvandan.
Jai Jai Shiv Parvati Nandan.

Jai Parvati praan dulare.
Jai Jai bhaktan ke dukh taare.

Kamal sadrish nayan vishala.
Swarn mukut rudraksh mala.

Tamra tan sundar mukh sohe.
Sur nar muni man chhavi lay mohe.

Mastak tilak vasan sunvaale.
Aao Veerabhadra kafli waale.

Kari bhaktan sang haas vilasa.
Pooran kari sabki abhilasa.

Lakhi shakti ki mahima bhaari.
Aise Veerabhadra hitkaari.

Gyan dhyaan se darshan deeje.
Bolo Shiv Veerabhadra ki jai.

Naath anaathon ke Veerabhadra.
Doobat bhanvar bachavat shudra.

Veerabhadra mam kumati nivaro.
Kshamahu karo aparadh hamaro.

Veerabhadra jab naam kahavai.
Aathon siddhi daudti aavai.

Jai Veerabhadra tap bal saagar.
Jai Gannath trilok ujagar.

Shivdoot Mahaveer samana.
Hanumat sambal buddhi dhama.

Daksh prajapati yajna ki thani.
Sadashiv bin safal yajna jaani.

Sati nivedan Shiv agya deenhī.
Yajna sabha Sati prasthan keenhī.

Sabahu devan bhaag yajna raakha.
Sadashiv kari diyo andekha.

Shiv ke bhaag yajna nahi rakhyau.
Tatkshan Sati sasharir tyago.

Shiv ka krodh charam upjayo.
Jata kesh dhara par maryo.

Tatkshan tankaaar uthi dishaayen.
Veerabhadra roop raudra dikhaayen.

Krishna varan nij tan phailaaye.
Sadashiv sang trilok harshaaye.

Vyom samaan nij roop dhar linho.
Shatru paksh par dau charan dhar linho.

Rankshetra mein dhwans machayo.
Agya Shiv ki pane aayo.

Singh samaan garjana bhaari.
Trimastak sahasra bhujdhari.

Mahakali prakat hu aayi.
Bhrata Veerabhadra ki naai.

|| Doha ||

Agya le Sadashiv ki, chalahun yajna ki or.
Veerabhadra aru Kalika, toot pade chahun or.

|| Iti Shri Veerabhadra Chalisa Samaapt ||

Subhash Sharma

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