Chalisa

श्री प्रेतराज सरकार चालीसा (Pretraj Sarkar Chalisa)

श्री प्रेतराज चालीसा – विडियो

श्री प्रेतराज चालीसा

!! दोहा !!

गणपति की कर वन्दना, गुरु चरणन चित लाए !

प्रेतराज जी का लिखूँ, चालीसा हरषाए !!

जय जय भूतादिक प्रबल, हरण सकल दुख भार !

वीर शिरोमणि जयति, जय प्रेतराज सरकार !!

!! चोपाई !!

जय जय प्रेतराज जगपावन !

महाप्रबल दुख ताप नसावन !! 1

विकट्वीर करुणा के सागर !

भक्त कष्ट हर सब गुण आगर !! 2

रतन जडित सिंहासन सोहे !

देखत सुर नर मुनि मन मोहे !! 3

जगमग सिर पर मुकुट सुहावन !

कानन कुण्डल अति मनभावन !! 4

धनुष किरपाण बाण अरु भाला !

वीर वेष अति भ्रकुटि कराला !! 5

गजारुढ संग सेना भारी !

बाजत ढोल म्रदंग जुझारी !! 6

छ्त्र चँवर पंखा सिर डोलें !

भक्त वृन्द मिल जय जय बोलें !! 7

भक्त शिरोमणि वीर प्रचण्डा !

दुष्ट दलन शोभित भुजदण्डा !! 8

चलत सैन काँपत भु-तलह !

दर्शन करत मिटत कलिमलह !! 9

घाटा मेंहदीपुर में आकर !

प्रगटे प्रेतराज गुण सागर !! 10

लाल ध्वजा उड रही गगन में !

नाचत भक्त मगन हो मन में !! 11

भक्त कामना पूरन स्वामी !

बजरंगी के सेवक नामी !! 12

इच्छा पूरन करने वाले !

दुख संकट सब हरने वाले !! 13

जो जिस इच्छा से हैं आते !

मनवांछित फल सब वे हैं पाते !! 14

रोगी सेवा में जो हैं आते !

शीघ्र स्वस्थ होकर घर हैं जाते !! 15

भूत पिशाच जिन वैताला !

भागे देखत रुप विकराला !! 16

भोतिक शारीरिक सब पीडा !

मिटा शीघ्र करते हैं क्रीडा !! 17

कठिन काज जग में हैं जेते !

रक्त नाम पूरा सब होते !! 18

तन मन से सेवा जो करते !

उनके कष्ट प्रभु सब हरते !! 19

हे करुणामय स्वामी मेरे !

पडा हुआ हूँ दर पे तेरे !! 20

कोई तेरे सिवा ना मेरा !

मुझे एक आश्रय प्रभु तेरा !! 21

लज्जा मेरी हाथ तिहारे !

पडा हुआ हूँ चरण सहारे !! 22

या विधि अरज करे तन-मन से !

छुटत रोग-शोक सब तन से !! 23

मेंहदीपुर अवतार लिया है !

भक्तों का दुख दूर किया है !! 24

रोगी पागल सन्तति हीना !

भूत व्याधि सुत अरु धन छीना !! 25

जो जो तेरे द्वारे आते !

मनवांछित फल पा घर जाते !! 26

महिमा भूतल पर छाई है !

भक्तो ने लीला गाई है !! 27

महन्त गणेश पुरी तपधारी !

पूजा करते तन-मन वारी !! 28

हाथों में ले मुदगर घोटे !

दूत खडे रहते हैं मोटे !! 29

लाल देह सिन्दूर बदन में !

काँपत थर-थर भूत भवन में !! 30

जो कोई प्रेतराज चालीसा !

पाठ करे नित एक अरु हमेशा !! 31

प्रातः काल स्नान करावै !

तेल और सिन्दूर लगावै !! 32

चन्दन इत्र फुलेल चढावै !

पुष्पन की माला पहनावै !! 33

ले कपूर आरती उतारें !

करें प्रार्थना जयति उचारें !! 34

उन के सभी कष्ट कट जाते !

हर्षित हो अपने घर जाते !! 35

इच्छा पूरन करते जन की !

होती सफल कामना मन की !! 36

भक्त कष्ट हर अरि कुल घातक !

ध्यान करत छूटत सब पातक !! 37

जय जय जय प्रेताधिराज जय !

जयति भुपति संकट हर जय !! 38

जो नर पढत प्रेत चालीसा !

रहते ना कबहुँ दुख लवलेशा !! 39

कह ‘सुखराम’ ध्यानधर मन में !

प्रेतराज पावन चरनन में !! 40

!! दोहा !!

दुष्ट दलन जग अघ हरन ! समन सकल भव शूल !!

जयति भक्त रक्षक सबल ! प्रेतराज सुख मूल !! 1

विमल वेश अंजनि सुवन ! प्रेतराज बल धाम !!

बसहु निरन्तर मम ह्र्दय ! कहत दास सुखराम !! 2

!! इति श्री प्रेतराज चालीसा !!

श्री प्रेतराज चालीसा हिंदी अर्थ सहित

 

॥ दोहा ॥
गणपति की कर वंदना, गुरू चरनन चितलाय
प्रेतराज जी का लिखूं, चालीसा हरषाय

अर्थ ⇒
गणेश जी की पूजा करके और गुरु के चरणों का ध्यान करके मैं प्रेतराज जी की चालीसा को लिखता हूँ, जो हर किसी को प्रसन्न करती है।

जय जय भूताधिप प्रबल, हरण सकल दुःख भार
वीर शिरोमणि जयति जय प्रेतराज सरकार

अर्थ ⇒
हे भूताधिप (प्रेतराज) ! आपकी जय हो, आप बहुत ही शक्तिशाली हैं और सभी दुःखों को हर लेते हैं। वीरों के शिरोमणि प्रेतराज सरकार की जय हो।

॥ चौपाई ॥
जय जय प्रेतराज जग पावन, महा प्रबल त्रय ताप नसावन
विकट वीर करुणा के सागर, भक्त कष्ट हर सब गुण आगर

अर्थ ⇒
हे प्रेतराज जी ! आप जगत के पावन हैं और महा शक्तिशाली हैं। आप त्रिविध तापों (आग, ठंड, और आर्द्रता) को दूर करते हैं। आप करुणा के सागर हैं और भक्तों के सभी कष्टों को दूर करते हैं।

रत्न जटित सिंहासन सोहे, देखत सुन नर मुनि मन मोहे
जगमग सिर पर मुकुट सुहावन, कानन कुण्डल अति मन भावन

अर्थ ⇒
आपका सिंहासन रत्नों से जड़ा हुआ है और उसे देखकर नर और मुनि सभी मोहित होते हैं। आपके सिर पर जगमगाता हुआ मुकुट और कानों में मन को भाने वाले कुण्डल हैं।

धनुष कृपाण बाण अरू भाला, वीरवेश अति भृकुटि कराला
गजारूढ़ संग सेना भारी, बाजत ढोल मृदंग जुझारी

अर्थ ⇒
आपके हाथ में धनुष, कृपाण, बाण और भाला है, और आपका वीरतापूर्ण रूप बहुत ही कराल (भयंकर) है। आप हाथी पर सवार हैं और आपके साथ एक विशाल सेना है। ढोल और मृदंग बज रहे हैं, और युद्ध का माहौल है।

छत्र चंवर पंखा सिर डोले, भक्त बृन्द मिलि जय जय बोले
भक्त शिरोमणि वीर प्रचण्डा, दुष्ट दलन शोभित भुजदण्डा

अर्थ ⇒
आपके सिर पर छत्र, चंवर और पंखा झूल रहे हैं, और भक्तों की टोली जय जयकार कर रही है। आप भक्तों के शिरोमणि और वीर प्रचंडा हैं, और दुष्टों का वध करने वाले शक्तिशाली हैं।

चलत सैन काँपत भूतलहू, दर्शन करत मिटत कलि मलहू
घाटा मेंहदीपुर में आकर, प्रगटे प्रेतराज गुण सागर

अर्थ ⇒
जब आपकी सेना चलती है, तो पृथ्वी कांप जाती है। आपके दर्शन से कलियुग के पाप मिट जाते हैं। मेहंदीपुर में प्रकट होकर आप गुणों के सागर के रूप में प्रकट होते हैं।

लाल ध्वजा उड़ रही गगन में, नाचत भक्त मगन ही मन में
भक्त कामना पूरन स्वामी, बजरंगी के सेवक नामी

अर्थ ⇒
आसमान में लाल ध्वजा उड़ रही है और भक्त आनंद में नाच रहे हैं। आप भक्तों की इच्छाओं को पूरा करने वाले स्वामी हैं और बजरंग बली के सेवक के रूप में प्रसिद्ध हैं।

इच्छा पूरन करने वाले, दुःख संकट सब हरने वाले
जो जिस इच्छा से आते हैं, वे सब मन वाँछित फल पाते हैं

अर्थ ⇒
आप इच्छाओं को पूर्ण करने वाले हैं और सभी दुख और संकटों को दूर करते हैं। जो भी भक्त आपकी शरण में आता है, उसकी सभी इच्छाएं पूरी होती हैं।

रोगी सेवा में जो आते, शीघ्र स्वस्थ होकर घर जाते
भूत पिशाच जिन्न वैताला, भागे देखत रूप कराला

अर्थ ⇒
जो लोग आपकी सेवा में आते हैं, वे जल्दी ही स्वस्थ हो जाते हैं और अपने घर लौट जाते हैं। भूत, पिशाच, जिन्न और वैताल आपके भयंकर रूप को देखकर भाग जाते हैं।

भौतिक शारीरिक सब पीड़ा, मिटा शीघ्र करते हैं क्रीड़ा
कठिन काज जग में हैं जेते, रटत नाम पूरन सब होते

अर्थ ⇒
आप भौतिक और शारीरिक सभी पीड़ाओं को तुरंत दूर करते हैं। इस संसार के कठिन कार्य भी आपके नाम का जाप करने से पूर्ण हो जाते हैं।

तन मन धन से सेवा करते, उनके सकल कष्ट प्रभु हरते
हे करुणामय स्वामी मेरे, पड़ा हुआ हूँ चरणों में तेरे

अर्थ ⇒
जो लोग अपने तन, मन और धन से आपकी सेवा करते हैं, उनके सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। हे करुणामय स्वामी ! मैं आपके चरणों में पड़ा हूँ।

कोई तेरे सिवा न मेरा, मुझे एक आश्रय प्रभु तेरा
लज्जा मेरी हाथ तिहारे, पड़ा हूँ चरण सहारे

अर्थ ⇒
मेरे अलावा कोई अन्य आश्रय नहीं है, केवल आप ही मेरे एकमात्र आश्रय हैं। मेरी लज्जा आपके ही हाथों में है और मैं आपके चरणों के सहारे पड़ा हूँ।

या विधि अरज करे तन मन से, छूटत रोग शोक सब तन से
मेंहदीपुर अवतार लिया है, भक्तों का दुःख दूर किया है

अर्थ ⇒
हे प्रभु ! कृपया इस शरीर और मन की अर्ज़ को सुनें। सभी रोग और शोक दूर करें। आपने मेहंदीपुर में अवतार लिया है और भक्तों के दुःखों को दूर किया है।

रोगी, पागल सन्तति हीना, भूत व्याधि सुत अरु धन हीना
जो जो तेरे द्वारे आते, मन वांछित फल पा घर जाते

अर्थ ⇒
जो लोग रोगी, पागल, संतानहीन, भूत-प्रेत से पीड़ित या धनहीन होते हैं और आपकी शरण में आते हैं, वे सभी अपने मन की इच्छाओं को पूरा करके घर लौट जाते हैं।

महिमा भूतल पर है छाई, भक्तों ने है लीला गाई
महन्त गणेश पुरी तपधारी, पूजा करते तन मन वारी

अर्थ ⇒
आपकी महिमा इस पृथ्वी पर छाई हुई है और भक्त आपकी लीला का गान करते हैं। महंत गणेशपुरी तपस्वी हैं और तन और मन से आपकी पूजा करते हैं।

हाथों में ले मुगदर घोटे, दूत खड़े रहते हैं मोटे
लाल देह सिन्दूर बदन में, काँपत थर-थर भूत भवन में

अर्थ ⇒
आपके हाथ में मुगदर (एक प्रकार का हथियार) है और आपके दूत मोटे और ताकतवर हैं। आपकी लाल शरीर और सिन्दूरी त्वचा देखकर भूत और पिशाच कांपते हैं।

जो कोई प्रेतराज चालीसा पाठ करत नित एक अरू बीसा
प्रातः काल स्नान करावै, तेल और सिन्दूर लगावै

अर्थ ⇒
जो कोई प्रतिदिन प्रेतराज चालीसा का पाठ करता है और प्रातः काल स्नान करके तेल और सिन्दूर लगाता है,

इत्र फुलेल चढ़ावै, पुष्पन की की माला पहनावै
चन्दन इत्र ले कपूर आरती उतारै, करै प्रार्थना जयति उचारै

अर्थ ⇒
इत्र और फूल चढ़ाता है, पुष्पों की माला पहनाता है, चंदन और इत्र लेकर कपूर की आरती करता है और जयकार करता है,

उनके सभी कष्ट कट जाते, हर्षित हो अपने घर जाते
इच्छा पूरण करते जनकी, होती सफल कामना मन की

अर्थ ⇒
उसके सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और वह खुशी के साथ अपने घर लौटता है। उसकी इच्छाएं पूरी होती हैं और मन की कामनाएं सफल होती हैं।

भक्त कष्टहर अरिकुल घातक, ध्यान धरत छूटत सब पातक
जय जय जय प्रेताधिप जय, जयति भूपति संकट हर जय

अर्थ ⇒
भक्तों के कष्ट हरने वाले और सब पापों को मिटाने वाले प्रेताधिप की जय हो। वह भूपति (राजा) के संकटों को भी दूर करते हैं।

जो नर पढ़त प्रेत चालीसा, रहत न कबहूँ दुख लवलेशा
कह भक्त ध्यान धर मन में, प्रेतराज पावन चरणन में

अर्थ ⇒
जो व्यक्ति प्रेतराज चालीसा का पाठ करता है, उसे कभी भी कोई दुख नहीं होता। भक्तों को अपने मन में ध्यान रखकर प्रेतराज के पावन चरणों की आराधना करनी चाहिए।

॥ दोहा ॥
दुष्ट दलन जग अघ हरन, समन सकल भव शूल
जयति भक्त रक्षक प्रबल, प्रेतराज सुख मूल

अर्थ ⇒
दुष्टों का नाशक और संसार के सभी कष्टों को हरने वाला प्रेतराज भक्तों की रक्षा करने वाला और सुख का मूल है।

विमल वेश अंजिन सुवन, प्रेतराज बल धाम
बसहु निरन्तर मम हृदय, कहत भक्त सुखराम

अर्थ ⇒
आपका स्वरूप निर्मल और उज्ज्वल है, और आप बल का घर हैं। कृपया मेरे हृदय में सदैव निवास करें, यही भक्त सुखराम की प्रार्थना है।

Shri Pretraj Sarkar Chalisa Lyrics in English

Doha

Ganpati ki kar Vandana, Guru Charanan Chit Lay.

Pretraj ji ka likhun, Chalisa harsay.1

Jay Jay Bhutadik Prabal, Haran Shakal Dukh bhar.

Veer Shiromani Jayati, Jay Pretraj Sarkar. 2

Chaupai

Jay Jay pretraj Jag Pavan,

Mahaprabal dukh tap nasavan. 1

Vikatveer karuna ke saagar.

Bhakt kast har sab gun aagar. 2

Ratan jadit sinhasan sohe.

Dekhat sur nar muni man mohe. 3

Jagmag sir parmukut suhavan.

Kanan kundal ati manbhavan. 4

Dhanus kirpaan baan aru bhala.

Veer vesh ati bhrakuti karala. 5

Gajarud sang sena bhari.

Baajat dhol mradang jhujhari. 6

Chhatra chanvar pankha sir dole.

Bhakt vrind mil jay jay bole. 7

Bhakt siromani veer prachanda.

Dust dalan shobhit bhujdanda. 8

Chalat sain kanpat bhu-talah.

Darshan karat mitat kalimlah.9

Ghata mehandipur me aakar.

Pragte Pretraj gun sagar. 10

Lal dhvaja ud rahi gagan me.

Nachat bhakt magan ho man me. 11

Bhakt Kamana purana Swami.

Bajrangi ke Sevak Naami. 12

Ichcha purn karne Wale.

Dukh Sankat sab harne wale.13

Jo jis ichcha se Hain aate.

manovanchit fal Sab we Hain pate. 14

Rogi seva mein Jo hai aate.

Shighra swasth hokar ghar hai jaate. 15

Bhoot pisaach Jin betala.

Bhaage dekhat roop vikraala.16

Bhautik sharirik sab pida.

Mita shighra karte hai krida.17

Kathin kaaj Jag mein hai Jete.

Rakhta Nama pura sab hote. 18

Tan man se seva Jo karte.

Unke kasht Prabhu sab harte.19

He Karunamay Swami mere.

Pada hua hun dar pe tere. 20

Koi tere Siva Na Mera.

Mujhe ek aashray Prabhu Tera. 21

Lajja meri haath tihare.

Pada huva hu charan sahare. 22

Yah vidhi Araj Kare tan man se.

Chhutat Rog shok sab tan se. 23

Mehandipur Avatar liya hai.

Bhakton ka Dukh dur Kiya hai. 24

Rogi pagal santati Heena.

Bhoot vyadhi sut aru dhan chhinna. 25

Jo Jo tere dwar aate

Manovanchit fal pa Ghar jaate. 26

Mahima bhutal per chhai hai.

Bhakton ne Leela gai hai. 27

Mahant Ganesh puri tapdhari.

Puja karte tan man vari. 28

Hatho me le mudgar ghote.

Dut khare rahte hai mote. 29

Lal deh sindur badan me.

Kanpat thar thar bhut bhavan me. 30

Jo koi Pretraj Chalisa.

Path kare nit ek aru hamesa. 31

Pratah kal snan karavai.

Tel aur sindur lagavai. 32

Chandan itra fulel chadave.

Pushpan ki mala pahnave. 33

Le kapur aarti utare.

Kare prarthna jayati uchare. 34

Unke sabhi kast kat jate.

Harshit ho apne ghar jate. 35

Ichcha puran karte jan ki.

Hoti safal kamna man ki. 36

Bhakt kast har ari kul ghatak.

Dhyan karat chhutat sab patak. 37

Jay jay jay Pretadhiraj jay.

Jayati bhupati sankat har jay.38

Jo nar padhat Pret Chalisa.

Rahte na kabhu dukh lavlesha. 39

Kah Shukhram dhyandhar man me.

Pretraj paavan charnan me. 40

Doha

Dust dalan jag agh haran, Saman sakal bhav shul.

Jayati bhakta rakshak sabal, Pretraj sukh mul. 1

Vimal vesh anjani suvan, Pretraj bal dham.

Bashu nirantar mam hridaya, kahat das Sukhram. 2

 

 

Shri Pretraj Chalisa with the shlokas in Hinglish and their meanings in English:


॥ Doha ॥
Ganapati ki kar vandana, Guru charanan chitalay
Pretraj Ji ka likhun, Chalisa harshay

Meaning ⇒
I bow to Lord Ganapati and meditate on the feet of my Guru. With joy, I begin to write this Chalisa dedicated to Pretraj Ji.


॥ Chaupai ॥
Jai Jai Pretraj Jag Pawan, Maha Prabal Tray Taap Nasawan
Vikat Veer Karuna Ke Saagar, Bhakt Kasht Har Sab Gun Aagar

Meaning ⇒
Hail, hail to Pretraj, the purifier of the world, who is immensely powerful and dispels the threefold sufferings (physical, mental, and spiritual). You are a fierce warrior and an ocean of compassion, removing the troubles of your devotees and embodying all virtues.


Ratna Jatit Singhasan Sohe, Dekhat Sun Nar Muni Man Mohe
Jagmag Sir Par Mukut Suhawan, Kanan Kundal Ati Man Bhawan

Meaning ⇒
Adorned with a jewel-encrusted throne, you captivate the hearts of humans and sages alike. Your radiant crown shines on your head, and your earrings are extremely pleasing to the mind.


Dhanush Kripaan Baan Aru Bhala, Veer Vesh Ati Bhrikuti Karala
Gajaroodh Sang Sena Bhari, Bajat Dhol Mridang Jujhari

Meaning ⇒
You hold a bow, sword, arrows, and spear, displaying a fierce warrior’s form with a stern expression. Riding on an elephant with a large army, drums and war instruments are being played in your honor.


Chhatra Chamar Pankha Sir Dole, Bhakt Brind Mili Jai Jai Bole
Bhakt Shiromani Veer Prachanda, Dusht Dalan Shobhit Bhujdanda

Meaning ⇒
A royal parasol, fans, and peacock feathers sway above your head, and the gathering of devotees chants “Jai Jai.” You are the foremost among devotees and a fierce warrior, who destroys the wicked with your powerful arms.


Chalat Sain Kanpat Bhootlahu, Darshan Karat Mitat Kali Malhu
Ghata MenhdiPur Men Aakar, Pragate Pretraj Gun Saagar

Meaning ⇒
When your army marches, the earth trembles, and just by your sight, all the sins of the dark age (Kali Yuga) are washed away. You appeared in the Mehandipur valley as a sea of virtues.


Laal Dhwaja Ud Rahi Gagan Men, Naachat Bhakt Magan Hi Man Men
Bhakt Kamna Puran Swami, Bajrangi Ke Sevak Nami

Meaning ⇒
The red flag is flying high in the sky, and your devotees are dancing in joy. You fulfill the wishes of your devotees, O Lord, renowned as the servant of Hanuman (Bajrangi).


Ichha Puran Karne Wale, Dukh Sankat Sab Harne Wale
Jo Jis Ichha Se Aate Hain, Ve Sab Man Vanchhit Phal Paate Hain

Meaning ⇒
You are the one who fulfills all desires and removes all sorrows and difficulties. Whoever comes to you with a wish, leaves with their heart’s desires fulfilled.


Rogi Seva Men Jo Aate, Sheeghra Swasth Hokar Ghar Jaate
Bhoot Pishaach Jinn Vaitala, Bhage Dekhat Roop Karala

Meaning ⇒
Those who come to serve the sick return home quickly cured. Ghosts, demons, and spirits flee at the sight of your terrifying form.


Bhautik Sharirik Sab Peeda, Mita Sheeghr Karte Hain Kreeda
Kathin Kaaj Jag Men Hain Jete, Ratat Naam Puran Sab Hote

Meaning ⇒
You quickly remove all physical and material suffering, effortlessly playing with them. No matter how difficult the task, chanting your name makes everything possible.


Tan Man Dhan Se Seva Karte, Unke Sakal Kasht Prabhu Harte
He Karunamay Swami Mere, Pada Hua Hoon Charanon Men Tere

Meaning ⇒
Those who serve you with body, mind, and wealth, have all their troubles removed by you, O merciful Lord. I, your humble servant, lie at your feet.


Koi Tere Siwa Na Mera, Mujhe Ek Aashray Prabhu Tera
Lajja Meri Haath Tihare, Pada Hoon Charan Sahare

Meaning ⇒
I have no one else but you, O Lord; you are my only refuge. My honor is in your hands, and I cling to your feet for support.


Ya Vidhi Araj Kare Tan Man Se, Chhootat Rog Shok Sab Tan Se
Mehndipur Avtaar Liya Hai, Bhakton Ka Dukh Door Kiya Hai

Meaning ⇒
In this way, I humbly request with body and mind that all my physical ailments and sorrows be removed. You have incarnated in Mehndipur and have alleviated the sufferings of your devotees.


Rogi, Paagal Santati Heena, Bhoot Vyadhi Sut Aru Dhan Heena
Jo Jo Tere Dware Aate, Man Vanchhit Phal Pa Ghar Jaate

Meaning ⇒
Those who are ill, insane, childless, troubled by spirits, or lacking wealth, find relief when they come to your door. They leave with their wishes fulfilled.


Mahima Bhootal Par Hai Chhai, Bhakton Ne Hai Leela Gaai
Mahant Ganesh Puri Tapdhari, Pooja Karte Tan Man Waari

Meaning ⇒
Your glory spreads across the earth, and your devotees sing of your divine acts. Mahant Ganesh Puri, the ascetic, worships you with all his heart and soul.


Haathon Men Le Mugdar Ghote, Doot Khade Rahte Hain Mote
Laal Deh Sindur Badan Men, Kanpat Thar-Thar Bhoot Bhavan Men

Meaning ⇒
Holding a heavy club in their hands, your strong messengers stand guard. With a red body covered in sindoor, they make even the ghostly realms tremble in fear.


Jo Koi Pretraj Chalisa Paatth Karat Nit Ek Aru Bisa
Pratah Kaal Snaan Karavai, Tel Aur Sindoor Lagavai

Meaning ⇒
Anyone who recites this Pretraj Chalisa twenty-one times daily, after bathing in the morning, applies oil and sindoor.


Itra Phulel Chadavai, Pushpan Ki Ki Maala Pehnavai
Chandan Itra Le Kapoor Aarti Utarai, Karai Prarthna Jayati Ucharai

Meaning ⇒
They offer fragrant oils and garlands of flowers, and with sandalwood paste and camphor, they perform the aarti and chant your praises.


Unke Sabhi Kasht Kat Jaate, Harshit Ho Apne Ghar Jaate
Ichha Puran Karte Janki, Hoti Safal Kamna Man Ki

Meaning ⇒
All their troubles are removed, and they return home happily. You fulfill their desires, and their heart’s wishes come true.


Bhakt Kashtahar Arikul Ghaatak, Dhyan Dharat Chhootat Sab Paatak
Jai Jai Jai Pretaadhip Jai, Jayati Bhoopati Sankat Har Jai

Meaning ⇒
O Lord, the remover of devotees’ sufferings and the destroyer of enemies, meditating on you washes away all sins. Hail, hail to Pretraj, the king who removes all troubles.


Jo Nar Parhat Preta Chalisa, Rahat Na Kabhoon Dukh Lavlesha
Kah Bhakt Dhyan Dhar Man Men, Pretraj Pawan Charanan Men

Meaning ⇒
Whoever recites the Pretraj Chalisa will never experience even the slightest sorrow. Devotees should meditate on Pretraj’s pure feet.


॥ Doha ॥
Dusht Dalan Jag Agh Haran, Saman Sakal Bhav Shool
Jayati Bhakt Rakshak Prabal, Pretraj Sukh Mool

Meaning ⇒
Pretraj, who destroys evil and removes all worldly suffering, is the powerful protector of devotees and the source of all happiness.


Vimal Vesh Anjin Suvan, Pretraj Bal Dhaam
Basahu Nirantar Mam Hriday, Kahat Bhakt Sukhram

Meaning ⇒
Your form is pure and radiant, and you are the abode of strength. Please reside forever in my heart, says your devotee, Sukhram.

प्रेतराज चालीसा के फायदे

1. श्री प्रेतराज चालीसा का पाठ श्रद्धापूर्वक करने से मन की लालसा पूर्ण होती हैं। दुःख संकट सब दुर होती है।

2. यदि कोई रोगी है तो उसे उनके रोग से मुक्ति मिलती है। शीघ्र स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करता है।

3. भूत प्रेत पिसाच अला बला दुष्ट आत्माओं की बुरी नजर से निजात मिलती है।

4. सारे कठिन कार्य सुगमतापूर्वक होने लगता है ।

Subhash Sharma

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