एहसान श्याम तेरे मैं तो ना भूल पाउ

एहसान श्याम तेरे मैं तो ना भूल पाउ,
इतनी किरपा हो तेरी गुणगान तेरा गाउ,
एहसान श्याम तेरे मैं तो ना भूल पाउ,

जब तक न दर पे आया,
तुझको ना जान पाया,
इतने सुने से चर्चे खुद को न रोक पाया,
दिद्दार तेरा कर के चरणों में सिर झुकाउ,
इतनी किरपा हो तेरी गुणगान तेरा गाउ,
एहसान श्याम तेरे मैं तो ना भूल पाउ…

दुःख ऐसे ऐसे आये अपने हुए पराये,
जिसपे किया भरोसा उससे ही धोखे खाये,
इतना रुलाया सबने कैसे तुझे बताऊ,
इतनी किरपा हो तेरी गुणगान तेरा गाउ,
एहसान श्याम तेरे मैं तो ना भूल पाउ…

मुझे हारता जो देखा तू दौड़ कर के आया,
आंसू को पौंछ मेरे अपने गले लगाया,
गोविन्द किरपा है तेरी निशा मैं झूम जाऊ,
इतनी किरपा हो तेरी गुणगान तेरा गाउ,
एहसान श्याम तेरे मैं तो ना भूल पाउ…


Discover more from Brij Ke Rasiya

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Leave a Reply

error: Content is protected !!

Discover more from Brij Ke Rasiya

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading

Scroll to Top