नैया है मझधार श्याम इसे, पार लगा जाओ,
ओ लीले असवार दयालु, जल्दी आ जाओ,
आ जाओ प्रभु आ जाओ प्रभु,
लीले चढ़ के आ जाओ ॥
नैया मेरी डूब रही है,केवट बैठा है चुपचाप,
मेरी बर्बादी की लीला,कैसे देख रहे हो आप,
क्यों करते इंकार,मुझे यह भेद बता जाओ।
ओ लीले असवार दयालु,
जल्दी आ जाओ, नैया है मझधार ॥
तूफानों से लड़ते-लड़ते,हार गया है दास तेरा,
तुझपर दारमदार प्रभु अब,टूटे ना विश्वास मेरा,
संभालो पतवार, भँवर से इसे बचा जाओ।
ओ लीले असवार दयालु,
जल्दी आ जाओ, नैया है मझधार ॥
बीच भँवर में दूजा केवट,श्याम कहां से लाऊं मैं,
तुझ बिन रक्षा हो नहीं सकती,कितना भी चिल्लाऊं मैं,
तेरा ही आधार,प्रभु मोहे धीर बंधा जाओ।
ओ लीले असवार दयालु,
जल्दी आ जाओ,नैया है मझधार ॥
दीनदयालु नाम तुम्हारा,नाम की लाज रखो सरकार,
थोड़ी सी अगर किरपा करो तो,हो जाएगा बेड़ा पार,
‘बिनू’ है लाचार,प्यार अपना बरसा जाओ।
ओ लीले असवार दयालु,
जल्दी आ जाओ,नैया है मझधार ॥
नैया है मझधार श्याम इसे,पार लगा जाओ,
ओ लीले असवार दयालु,जल्दी आ जाओ,
आ जाओ प्रभु आ जाओ प्रभु,
लीले चढ़ के आ जाओ ॥
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